सुशांत सिंह राजपूत के बाद, अब और नहीं I After Sushant Singh Rajpoot

अपना-पराया ने ली सुशांत सिंह राजपूत ?

ये मेरा है, ये पराया है, ये मेरी बिरादरी का है, ये मेरा रिश्तेदार हैं, ये मेरे राज्य का है, ये मेरे देश का है – ऐसे कई सवालों के कारण बहुत बड़े बड़े हादसे हो जाते हैं, जिनमे सबसे ताज़ा हादसा नामी फ़िल्मी कलाकार सुशांत सिंह राजपूत का है,
ख़बरों के मुताबिक़ सुशांत सिंह राजपूत ने डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या कर ली है और जिसकी वजह फ़िल्मी जगत में उनका कोई गोद फादर ना होना बताया जा रहा है, उनका और उनकी फिल्मो का कोई सपोर्ट नहीं करता है ऐसी बाते सामने आ रही है, कंगना राणावत से लेकर अन्य कई मशहूर हस्तियों ने इस बात को जोर शोर से उठाया है,

इनका मनना है की मुबई के फ़िल्मी जगत में भाई-भतीजावाद होता है, मुंबई के ना होने के कारण उनका शोषण किया जाता है, और उन्हें फ़िल्मी दुनियां से बाहर निकलने के लिए कई तरह से दबाव डाला जाता है ,
ऐसा केवल फ़िल्मी दुनिया में नहीं होता बल्कि समाज के हर पेशे में होता है, चाहे वह राजनीति का अखाड़ा हो या खेल का मैदान, या नौकरी और रोज़गार का मामला, हर जगह मेरे- तेरा भाई-भतीजावाद के मामले सुनाई देते रहते हैं,
विदेशों से भी कई बार ऐसी खबरे आती है की वहां किसी ने अन्य देश के निवासियों के साथ दुर्व्यवाहर किया, इसका सबसे बढ़ा कारण उस देश के मूल निवासियों में बेरोजगारी बढ़ना बताया जाता है, उनका मनना होता है कि दूसरे देश के निवासी उनका हक छीन रहे हैं,

ऐसा ही सुशांत सिंह राजपूत के साथ माना जा सकता है, फ़िल्मी जगत के कुछ बड़े लोग और कम्पनियाँ अपने राज्य के लोगों और रिश्तेदारों को ही मौका देना चाहते हैं, और बाहरी रज्यों से आये कलाकारों का शोषण करते हैं,

सुशांत सिंह राजपूत के बाद कैसे रुकेगा यह सब?  After Sushant Singh Rajpoot

लेकिन यह सब कब तक चलेगा, इसे रोकना ही होगा, क्योंकि प्रतिभा पर कुछ लोगों का राज़ होना ना कला के लिए अच्छा है और ना ही समाज के लिए, हर किसी को बराबर मौका मिलना जरुरी है,

इसीलिए हम सबको मिलकर कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे जिनसे किसी भी फिल्ड में ऐसी घटनाये ना हो और एक राज्य से दुसरे राज्य या एक देश से दुसरे देश में जाने वाले प्रतिभावान लोगों को भी प्रतिभा दिखने का पूरा मौका मिले,

इसके लिए सरकार को भी अपनी तरफ से कोई पहल करनी चाहिए और समाज को भी, सुशांत सिंह राजपूत जैसे मामलों को रोकने के लिउए मुंबई में बाहरी राज्य से आने वाले युवक-युवतियों के लिए एक संघटन होना चाहिए, जहाँ वह सब मिलकर अपनी समस्याएं बता सकें, और उनका हल मिलकर निकाल सकें, एक दुसरे का साथ दे सकें, और फ़िल्मी जगत पर अपना राज़ समझने वालों को सही जवाब दे सकें,

इसकी पहल जल्द से जल्द शुरू हो जानी चाहिए, जिससे सुशांत सिंह राजपूत के बाद  (सुशांत सिंह राजपूत के बाद)  कोई भी प्रतिभावान हमें छोड़कर ना जाये ,

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