कब तक बैठेंगे घर? Paisa Kaise Kamana Hai?

कोरोना से हो रहा मानसिक तनाव

कोरोना ने करोड़ों लोगों को घर बैठा दिया है, एक ओर लोगों की जमा पूँजी खर्च हो रही है दूसरी ओर घर पर खाली रहते रहते मानसिक बीमारियाँ भी बढ़ने लगी हैं I अब सवाल उठता है करे तो करे क्या?

इस सवाल का जवाब ढूंढना बहुत जरुरी है, जब तक कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं मिल जाती हमें ऐसे ही घर रहकर सावधानी बरतनी होगी, लेकिन बिना कुछ किये खाली बैठना भी बहुत मुश्किल काम है और ऊपर से घर चलाने का खर्चा ,

गरीब आदमी का कैसे चले खर्चा? Paisa Kaise Kamana Hai

अमीर आदमी और मिडिल क्लास तो किसी ना किसी तरह अपना खर्चा निकाल सकता है लेकिन गरीब आदमी इतने लम्बे समय तक अपना खर्चा नहीं निकाल सकता और नाही कोई सरकार उसे खिला सकती है , इसी कारण बड़े बड़े शहरों के मजदूर अपने घर लौट रहे हैं ,

लेकिन बिना काम के हर इन्सान में तनाव आ ही जाता है, इसीलिए इस खाली समय का सही उपयोग करना ही वास्तव में हमारे लिए सही कदम हो सकता है, इसीलिए हम आपको यहाँ आ कुछ ऐसे कार्य बता रहे हैं जो आ खाली समय में कर सकते हैं, इससे कुछ नया सिखने को भी मिलेगा और आने वाले भविष्य में रोज़गार भी बन सकता है –

छात्र-छात्रायें क्या करें?

• सबसे पहले बात करते हैं स्कूल और कॉलेजों में पढने वाले छात्र-छात्राओं की, जिन्हें सबसे ज्यादा अपनी भविष्य की चिंता होती है, उनके लिए यह कोरोना काल का समय बहुत उपयोगी हो सकता है, क्योंकि आज उनके पास सिखने के लिए बहुत कुछ उपलब्ध है, इन्टरनेट पर बहुत काम की जानकारी दी जा रही है, यह छात्र अपनी रूचि के आधार पर विषय का चुनाव कर पूरा ज्ञान प्राप्त कर सकते है,
जैसे कोई कलाकार बनना चाहता है, तो कोई इंजिनियर, कोई सिंगर भी बनना चाहता है तो कोई पेंटर, कोई पुलिस में जाना चाहता है तो कोई सेना में, कोई रिपोर्टर बनना चाहता है तो कोई लेखक,
ऐसे बहत सारे विकल्प हैं जिनमे करियर बनाया जा सकता है , और इन सभी विषयों से सम्बंधित विडिओ इन्टरनेट पर उपलब्ध हैं , तो देर किस बात की जल्दी से अपनी रूचि के आधार पर अपना भविष्य बनाइये, और खाली समय का उपयोग कीजिये ,

गरीब मजदूर क्या करें?

• अब बात करते हैं उन गरीब मजदूरों की जो छात्रों की तरह पढ़े लिखे नहीं हैं, और इन्टरनेट से सीखने में भी उन्हें मुश्किल लगता है, ऐसे लोग क्या कर सकते हैं, यह सवाल आज प्रधामंत्री मोदी जी से लेकर देश के सभी मुख्यमंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारीयों के मन में चल रहा होगा, क्यंकि सबसे बड़ी समस्या इनको रोजगार देना है, यही लोग हमारे देश की नीव हैं, अगर इन्हें काम नही दिया गया तो हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह धराशाई हो जायगी,
अब सवाल यह है की यह मजदूर क्या करें? (Paisa Kaise Kamana Hai)

गरीब मजदूरों के लिए कोरोना काल सबसे बड़ी आफत बनकर आया हैं, अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए रोज़ मेहनत करता मजदूर इस समय सड़क पर आगया है, मजदूर के लिए सबसे पहले रोजी रोटी का संकट दूर करना है, इसके लिए उसे काम देना होगा, चाहे वेह कृषि से जुदा काम हो या स्वरोजगार , चूँकि गरीब मजदूर ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं होता इसीलिए उन्हें उनके अनुसार ही काम देने होंगे , पूरे देश में बहुत सारी चीजों की डिमांड बढ़ी है और कुछ की घटी भी है, इसीलिए अपने रज्यों में वापस लौट रहे मजदूरों को मनरेगा जैसी स्कीमों द्वारा काम दिया जा सकता है जिससे बीच में रुके बहुत से कार्यों को पूरा किया जा सकता है, इसके साथ कृषि से जुड़े व्यवसायों जैसे खेती, बागबानी, डेरी, पशुपालन, आदि कार्यों से जोड़ा जा सकता है,

मजदूरों का डाटा हो तैयार

सबसे पहले हर राज्यों को सभी बेरोजगार मजदूरों का डाटा तैयार करना होगा, जिसमे उसके परिवार की संख्या, उसके रोज़मर्रा के खर्चे, उसकी योग्यता आदि को शामिल किया जा सकता है, उसके बाद उन्हें काम दिया जा सकता है, जिससे वह अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी जीविका चला सके, किसी से मांगने की जरुरत ना पढ़े,

देश को आत्मनिर्भर है बनाना

यह सब संभव हो सकता है अगर पूरी तैयारी से काम किया जाये,
इसके साथ हमें अपने देश को आत्मनिर्भर भी बनाना है, इसके लिए हमें यह देखना होगा की कौनी ऐसी वस्तुएं हैं जो हम चीन या अन्य देशों से आयात करवाते हैं, और उसके बाद हमें अपने देश के लोगों को उसके लिए तैयार करना होगा की वह भी वो सब चीजें अपने यहाँ बना सके, इससे हम बहुत सारे लोगों को रोज़गार भी दे पायंगे और देश की अर्तव्यवस्था को मजबूत भी कर पायंगे –

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