दिल्ली 16 जुलाई 2019: तीन दिवसीय ‘टेक्सटाइल फेयर्स इंडिया 2019’ प्रदर्शनी का दूसरा दिन बहुत ही शानदार रहा | एक और जहा लोगों को टेक्सटाइल से जुड़े नये आविष्कारों ने चकित किया तो वही दूसरी और ‘सस्टेनेबल फैशन’ पर आयोजित सेमीनार में आने वाले वर्ष में होने वाले फैशन पर अनेको जानकारी दी| साथ ही इस प्रदर्शनी ने नए डिजाइनर्स को एक बहुत ही बड़ा मंच दिया जहां वो अपनी रचनातमकता को 265 कंपनियों के बीच पंहुचा पाये| इस प्रदर्शनी में ‘सस्टेनेबल फैशन पर अधिक ध्यान रखा गया |
कार्यक्रम से जुड़े फैशन गुरु प्रसाद बिड़पा ने कहा’ हाथों से बनाये हुए कपडे के उद्योग में भारत सबसे आगे है| उच्च गुणवत्ता वाले ऊनी से लेकर सूती और सिंथेटिक धागों तक, हम दुनिया के सबसे अच्छे कपड़ों का उत्पादन करते हैं। कपड़े फैशन के आधार हैं। सूट और शर्टिंग से लेकर ड्रेसेस और गाउन तक हर डिजाइनर को फैब्रिक की सबसे अच्छी जरूरत होती है।
पी एन कृष्णा मूर्ति – टी एफ आई के निदेशक ने बताया की वह इस मंच के जरिये पूरे इंडस्ट्री को एक साथ लाना चाहते है| पहली बार उन्होंने ‘ टी एफ आई डिज़ाइन अवार्ड्स की शुरुआत की है जहा 14 नये डीजनर्स को कुछ नया दिखाने का मौका मिलेगा |
सुपर मॉडल नयनिका चैटर्जी, जिन्होंने फैशन शो में जज की भूमिका निभाई, कहा की यह मंच नये डिजाइनरों के लिये जो 3 सालो से कपडे की इंडस्ट्री को समझ रहे उन्हें एक अच्छा मौका दिया है|
राजस्थान की डिजाइनर रुमा देवी ने अपने कलेक्शन में उम्मीद और आशा को दर्शाया है | उनका मानना है की अँधेरे को अँधेरा नहीं सिर्फ रौशनी ही दूर कर सकती है | वो आज महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल है |
आशीष सत्यव्रत साहू के कलेक्शन में ‘विद्यालय’ विषय पर चर्चा हुई | उनका मानना है की छोटे गॉव के सरकारी स्कूलों में कोई मेल नहीं रहता, अपने काम में उन्होंने इन बच्चो की छिपी मासूमियत को दिखलाया है|
(नवीन, दिल्ली)