दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे, आज़ाद हैं, आज़ाद ही रहेंगे : चन्द्रशेखर आज़ाद

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश के कई क्रांतिकारी
वीर-सपूतों की याद आज भी हमारी रुह में जोश और देशप्रेम की एक लहर पैदा कर देती
है. एक वह समय था जब लोग अपना सब कुछ छोड़कर देश को आजाद कराने के लिए बलिदान देने
को तैयार रहते थे और एक आज का समय है जब अपने ही देश के नेता अपनी ही जनता को मार कर
खाने पर तुले हैं. देशभक्ति की जो मिसाल हमारे देश के क्रांतिकारियों ने पैदा की
थी अगर उसे आग की तरह फैलाया जाता तो संभव था आजादी हमें जल्दी मिल जाती.
वीरता और पराक्रम की कहानी हमारे देश के वीर
क्रांतिकारियों ने रखी थी वह आजादी की लड़ाई की विशेष कड़ी थी जिसके बिना आजादी
मिलना नामुमकिन था.
देशप्रेम, वीरता और साहस की एक ऐसी ही मिसाल
थे शहीद क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद.
25 साल की उम्र में
भारत माता के लिए शहीद होने वाले इस महापुरुष के बारें में जितना कहा जाए उतना कम
है. आज ही के दिन साल
1931 में चन्द्रशेखर आजाद शहीद हुए थे.
स्वतंत्रता सेनानी चन्द्रशेखर आज़ाद जी को उनकी
पुण्यतिथि पर श्रद्धांजली। काकोरी ट्रेन डकैती और साण्डर्स की हत्या में शामिल
निर्भय क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद
, का जन्म 23
जुलाई, 1906 को हुआ था। चंद्रशेखर आजाद का वास्तविक
नाम चंद्रशेखर सीताराम तिवारी था।
 
आज के नौजवानो को आज़ाद जैसे देश भक्तों से बहुत
कुछ सीखने की आवश्यकता है।
 

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