देश में चंदन अगर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा तो वीरप्पन की वजह से। वही वीरप्पन जिस पर रंगीला, सत्या, सरकार जैसी बड़ी सफल फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने हाल में वीरप्पन फिल्म बनाई और करीब एक दशक पहले वीरप्पन को मारने के लिए सरकार को अपनी पूरी ताकत झोंक देनी पड़ी क्योंकि दुनिया में चंदन का सबसे बड़ा तस्कर वीरप्पन ही था।
.भारत के जंगलों से चंदन की चोरी करके वो विदेशों में तस्करी करके अरबों रूपया कमाता था।
अगर फिर भी कोई सवाल आपके मन में आता है, तो खबर के अंत में Comment बॉक्स में अपना सवाल लिख सकते हैं। चंदन की खेती के एक्सपर्ट्स आपके सवालों के जवाब देंगे।
भारतीय चंदन की विदेशों में मांग (Laal Chandan Ka Ped Ki Demand)
चंदन की खुशबू हर किसी का मन मोह लेती है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी से बढती मांग और सोने जैसे बहुमुल्य समझे जाने वाले रक्त चंदन की ऊंची कीमत होने के कारण भविष्य मे चंदन की खेती करना बहुत फायदे का व्यवसाय साबित हो सकता है।
भारतीय चंदन में खुशबू और तेली की मात्रा, बाकी देशों के चंदन से 1 से 6 प्रतिशत ज्यादा होती है। जिसकी वजह से इसकी डिमांड अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ज्यादा है।
प्रति किलो लाल चंदन कीमत (Chandan Ki Lakdi Ki Kimat)
रक्त चंदन रसदार लकड़ी (Hart wood) वाला भारतीय चंदन करीब 6000 से 7000 रुपये प्रति किलो में बिकता है। जबकि बारीक लकड़ी रूपए 200 प्रति किलो और सूखी लकड़ी (Dry wood) 2000 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है।
चंदन का इस्तेमाल (Chandan Ka Istemal Kaha Hota Hai)
धूप, साबुन, औषधी, तेल, इत्र और ब्यूटी क्रीम्स इत्यादि बनाने के लिए चंदन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होती है। चंदन के पेड़ की जड़, बीज और लकड़ी सबसे ज्यादा काम वाले हिस्से हैं।
चन्दन की खेती के लिए भूमि (Chandan Ka Jhad Farming Land)
- काली, लाल, दोमट मिट्टी में चंदन के पेड़ को आसानी से उगाया जा सकता है।
- इसे 5 से लेकर 50 डिग्री सेल्सियम वाले तापमान के इलाके में उगाया जा सकता है।
- 7 से 8.5 पीएच वाली मिट्टी इसके लिए बिल्कुल सही है।
चन्दन की खेती की कटाई (Harvesting)
- यह 5वें साल से रसदार लकड़ी बनाना शुरु कर देता है।
- 12 से 15 के बीच में ये पूरी तरह से बड़ा होकर बिकने लायक हो जाता है।
- इसके दो हिस्से हैं – सूखी लकड़ी और रसदार लकड़ी। दोनों की बाजार में अलग अलग कीमत होती है।
- चंदन के पेड़ की जड़ से सुगंधित उत्पादन बनते हैं। इसलिए पेड़ को काटने के बजाय जड़ से ही उखाड़ लिया जाता है।
- उखाड़ने के बाद इसे टुकड़ों में काट लिया जाता है। ताकि रसदार लकड़ी को डिपो में अलग किया जा सके।
चन्दन की खेती से कमाई (Chandan Ke Ped Ki Kimat)
12 से 15 साल बाद चंदन के पेड़ से औसतन 20 से 30 किलो लकड़ी मिल जाती है। जिसकी बाजार में कीमत 6 से 7 हजार रूपए प्रति किलो है। यानी अगर 7 हजार के रेट का आधार माना जाए तो एक पेड़ से करीब 1 लाख 40 हजार रूपए मिल जाते हैं।
एक एकड़ में औसतन करीब 400 पेड़ सकते हैं। यानी करीब 5 करोड़ 60 लाख रूपए (400 x 1,40,000=5,60,00,000) की इनकी कीमत हो जाती है।
अगर एक एकड़ के खेत की मेड़ पर ही चंदन के पेड़ लगाए जाते हैं तब करीब 125 पेड़ लग जाते हैं। इनकी कीमत भी करीब 1 करोड़ 75 लाख रूपए (125 x 1,40,000=5,60,00,000)हो जाती है।
लाल चंदन का पौधा कहां मिलेगा (Lal Chandan Ka Ped)
लाल चंदन का पेड़, जिसे “रेड सैंडलवुड” या “रक्त चंदन” भी कहा जाता है, भारत में मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Pterocarpus santalinus है, और यह अपनी गहरी लाल लकड़ी और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है।
लाल चंदन का पेड़ कैसा होता है? (Red Ka Ped Kaisa Hota Hai)
- ऊंचाई और आकार: लाल चंदन का पेड़ आमतौर पर 8-12 मीटर तक ऊँचा हो सकता है। इसकी छाल मोटी और गहरे भूरे रंग की होती है।
- पत्तियां और फूल: इसकी पत्तियां छोटी और हरी होती हैं, और आमतौर पर तितली के आकार के फूलों के साथ आती हैं, जो हल्के पीले रंग के होते हैं।
- लकड़ी: इसकी लकड़ी गहरी लाल होती है, जो काटने पर और भी गहरी और चमकदार हो जाती है। यह काफी मजबूत और टिकाऊ होती है।
खेती कैसे होती है? ? (Chandan Ki Kheti)
लाल चंदन की खेती करना बहुत ही लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसके लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है क्योंकि यह संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आता है। यहां इसकी खेती की सामान्य प्रक्रिया दी गई है:
- मिट्टी और जलवायु: लाल चंदन की खेती के लिए सूखा और गर्म जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। इसे अच्छी तरह से ड्रेनेज वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है, और यह कंकरीली और लाल मिट्टी में बेहतर पनपता है।
- बीज की बुवाई:
- पहले बीजों को 12 घंटे के लिए पानी में भिगोना चाहिए।
- बीजों को 1 सेमी गहराई पर बुवाई की जाती है और उन्हें नियमित रूप से पानी दिया जाता है।
- पौधों की देखभाल:
- लाल चंदन को सामान्यतः प्रत्यक्ष सूर्यप्रकाश की आवश्यकता होती है।
- इसे बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन शुरुआती वर्षों में सिंचाई करना जरूरी होता है।
- पेड़ को 8-10 साल तक बढ़ने दिया जाता है। इसके बाद, पेड़ की लकड़ी उपयोग के लिए उपयुक्त हो जाती है।
- कीट और रोग: लाल चंदन के पेड़ पर कीटों का प्रकोप कम ही होता है। फिर भी, उसे दीमक से बचाने के लिए मिट्टी में कीटनाशक का उपयोग किया जा सकता है।
लाल चंदन की कीमत (Lal Chandan Ke Ped Ki Kimat)
लाल चंदन की लकड़ी की कीमत बहुत अधिक होती है, क्योंकि इसकी मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी ज्यादा है। इसकी कीमतें 3,000 से 10,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो सकती हैं, जो गुणवत्ता, आकार और लकड़ी के टुकड़े पर निर्भर करती हैं। इसकी उच्च कीमत का कारण इसकी विशिष्टता, दुर्लभता और अनुपम सुगंध है।
FAQ : Sandalwood in Hindi
Q.1. Chandan Ka Podha Kaha Milega?
Ans. चंदन का पौधा आपके आसपास की किसी भी बड़ी नर्सरी में मिल जाएगा. इसके अलावा आपके गाँव या शहर के आसपास कही पर भी अगर चंदन की खेती होती हैं तो आप वहां से भी चंदन का पौधा खरीद सकते हैं
Q.2.चंदन का पौधा कितने रुपए का मिलता है?
Ans. इसका एक पौधा 100-150 रुपये तक की कीमत पर मिलता.
Q.3. चंदन का पेड़ कैसा होता है (Chandan Ka Ped Kaisa Hota Hai)
Ans. चंदन के पेड़ का रंग हरा होता है तथा इसकी ऊंचाई 6 से 9 मीटर के तक हो सकती है। चंदन के पेड़ की छाल का रंग भूरा, लाल या फिर काका-भूरा होता है। चंदन के पेड़ की पत्तियां अकार में गोल और मुलायम होती हैं। चंदन के वृक्ष के फूल का रंग जामुनी या भूरा -बैंगनी होता हैं।