निजी स्कूलों की मनमानी फीस और उलटे सीधे खर्चो पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है । निजी स्कूलों में मनमानी फीस पर लगाम के लिए शुल्क का विनियमन कानून के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई है। इस कानून में अवैध फीस वसूली पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना और मान्यता खत्म किए जाने तक का प्रावधान किया गया है। इस कानून के दायरे में प्री-प्राइमरी और अल्पसंख्यक स्कूल भी शामिल हैं। जबकि , स्वतंत्र प्री-प्राइमरी स्कूलों को इस कानून में शामिल नहीं किया गया है ।

इस कानून के महत्वपूर्ण बिन्दुओं को ध्यान से देख लीजिये क्योंकि ये आपके बहुत काम आने वाले हैं –

किसी एक दुकान से किताब और स्टेशनरी लेने की बाध्यता नहीं I
जैसा की आप जानते हैं की निजी स्कूल कई प्रकार की पाबंदियां लगाकर पैसे वसूलते हैं और किसी एक ही दूकान से सामान खरीदने के लिए अभिभावकों को मजबूर करते हैं , इन सब को रोकने के लिए इस कानून में कडा रुख अपनाया गया है , इस कानून के अनुसार स्कूल अपनी वेबसाइट, नोटिस बोर्ड और विवरणिका में प्रवेश फार्म के साथ ही मान्यता, संबंद्धता, प्रवेश नीति, फीस आदि का विवरण जारी करेगा। फीस के विवरण के साथ यह भी उल्लेख होगा कि फीस मासिक, तिमाही या छमाही होगी। कोई भी एक बार में साल भर की फीस भरने की बाध्यता नहीं रखेगा। निर्धारित फीस से अधिक फीस और कैपिटेशन फीस नहीं ली जा सकेगी। छात्र या अभिभावक को किताबें, स्टेशनरी या यूनिफॉर्म किसी दुकान विशेष से खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।

२ तीन बार नियम तोड़े तो रद्द होगी स्कूल की मान्यता
इस कानून में स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा, पंजीकरण और परीक्षा शुल्क ले सकेंगे। इसके अलावा विवरण पुस्तिका और ऐडमिशन के लिए सिर्फ प्रवेश के समय ही फीस ली जा सकेगी। ट्रांसपॉर्टेशन फीस, भोजन और बोर्डिंग की सुविधाओं के लिए भी ऐच्छिक रूप से फीस ली जा सकेगी। कानून का उल्लंघन करने पर पहली बार एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा उल्लंघन की शिकायत मिलने पर 5 लाख रुपये की दण्ड देना होगा। तीसरी बार पकड़े जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द करते हुए विकास फंड को सीज कर दिया जाएगा

इस कानून से लाखों लोगों को फायदा होगा, और निजी स्कूल की मनमानी पर रोक लगेगी – लेकिन यह कानून कौनसे स्तर में लागू होगा इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई , लेकिन लोगों को योगी सरकार से बहुत ही उम्मीदें है .

By Jitendra Arora

- एडिटर -

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