अटल जी की मौत पर लिखी गयी कविता !
आप भी पढ़ लीजिये!
एकदिन अपना भी मुकाबला जो होना है !!
मौत से ठन गई!
जूझने का मेरा इरादा न था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई।
मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं।
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ?
तू दबे पाँव, चोरी-छिपे से न आ,
सामने वार कर फिर मुझे आज़मा।
मौत से बेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र,
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।
बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं,
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।
प्यार इतना परायों से मुझको मिला,
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये,
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भँवरों की बाँहों में मेहमान है।
पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई।
मौत से ठन गई।
अटल जी का निधन।
*जन्म 24 दिसंबर 1924 निधन 16 अगस्त 2018*
94 वर्ष की आयु में निधन।
हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, वो आज इस दुनिया को छोड़ गए हैं, उनका दो महीने से एम्स दिल्ली में इलाज चल रहा था, और अटल जी को दो दिन से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था, आज सुबह डॉक्टर ने पहला मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया कि उनकी हालत बहुत नाजुक है, और शाम 6 बजे जानकारी मिली है कि वह इस दुनिया को छोड़ गये हैं। हम उन्हें दिल से श्रद्धांजलि देते हैं।
अटल बिहारी वाजपेई ने अपने जीवन की शुरूआत पत्रकारिता से शुरू की थी, और 1951 में वह जनसंघ के नेता बने थे, अटल जी ने राजनीति विज्ञान और कानून की पढ़ाई की थी, और अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री के अलावा विदेश मंत्री व नेता विपक्ष भी रहे थे, 1957 में गोंडा से चुनाब जीताकर अटल बिहारी वाजपेई को पहली बार सांसद चुना गया था, 1992 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अटल जी को देखने के लिए 16 घंटे में दूसरी बार अस्पताल पहुंचे थे।
अटल जी का पसंदीदा पहाड़ी क्षेत्र मनाली था।
1939 में 15 साल की उम्र में आरएसएस में भर्ती हुये।
1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में 23 दिन जेल में रहे।
अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था।
अटल जी के कार्यकाल में भारत परमाणु संपन्न देश बना।
कारगिल युद्ध में भारत देश को विजय मिली।
अटल जी के कार्यकाल में ही कावेरी जल विवाद सुलझा।
अटल बिहारी वाजपेई के पिता जी उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले थे और उत्तर प्रदेश से उनके बहुत पुराना नाता था, उनके पिता का नाम पंडित कृष्ण बिहारी था।
अटल जी ने समाजशास्त्र की डिग्री कानपुर के डीएवी कॉलेज से ली।
अटल जी ने गवालियर के लक्ष्मीबाई कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था।
अटल जी ने अपने पिता के साथ ही LLB किया और उन्हीं के साथ हॉस्टल में रहते थे।
अटल जी के पिताजी शिक्षक थे और आगरा से 70 किलोमीटर दूर बटेश्वर ग्राम में रहते थे।
अटल जी एक ऐसे नेता थे जब वह सत्ता में थे, तो विपक्षी उनका सम्मान करते थे, और जब वह विपक्ष में होते थे तो सत्ता पक्ष उनका सम्मान करता था।
जब 1974 में इंदिरा गांधी ने भारत में परमाणु परीक्षण किया, तो अटल बिहारी वाजपेई जी ने विपक्ष में रहते हुए भी उनके इस कदम का स्वागत किया।
1980 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे अटल बिहारी वाजपेई जी, और 6 वर्ष तक उन्होंने यह अध्यक्ष पद संभाला।
आज पूरा देश अटल जी के शौक में डूबा हुआ है। और उनको उनकी कविताओं द्वारा ही उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है।
सोशल मीडिया में यह संदेश सबसे ज्यादा साझा किया जा रहा है –
मौत खड़ी थी सर पर
इसी इंतजार में थी
ना झूकेगा ध्वज मेरा
15 अगस्त के मौके पर
तू ठहर इंतजार कर
लहराने दे बुलंद इसे
मैं एक दिन और लड़ूंगा
मौत तेरे से
मंजूर नही है कभी मुझे
झुके तिंरगा स्वतंत्रता के मौके पे 😢😢
🙏 *कोटि कोटि नमन* 🙏
*भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी*