कानून में पुलिस को किसी भी व्यक्ति को निम्नलिखित स्थितियो में बिना वारंट गिरफ्तार करने का अधिकार है-

(क) यदि वह व्यक्ति संज्ञेय अपराध से सम्बन्धित है,या उसके विरुद्ध संज्ञेय अपराध करने के विश्वसनीय संदेह, परिवाद या सूचना प्राप्त हो या किये जाने की शिकायत है।

(ख) यदि उसके आधिपत्य मे गृह भेदन को औजार पाये जाते है।
(ग) यदि उनके कब्जे से चोरी की सम्पत्ति पायी जाती है।
(घ) यदि वह उद्धघोषित अपराधी है।
(ङ) यदि वह किसी पुलिस अधिकारी को उसके कर्तव्य पालन मे अवरोध उत्पन्न करता है।
(च) यदि वह वैधानिक हिरासत् से भागता है।
(छ) यदि वह जल,थल या वायु सेना का भगौडा है।
(ज) यदि वह भारत के वाहर है और कोई ऐसा अपराध करता है जो यदि भारत मे किया गया होता तो अपराध के रुप मे

दण्डनीय होता या किसी प्रत्यावर्तित कानून या कानून के अतर्गत दण्डनीय होता।

(झ) यदि उसके द्वारा संज्ञेय अपराध की तैयारी करने का संदेह है।
(ञ) यदि वह सजा पाने के उपरान्त न्यायालय द्वारा लगायें गये किसी प्रतिवंध को तोडता है।
(ट) यदि वह आदतन अपराधी हो।
(ठ) यदि वह अंसज्ञेय अपराध करने के वाद पुलिस को अपना नाम, पता न वताता हो या गलत वताता है।

    संजय रुहेला
       (एडवोकेट)
   LL.B+ LL.M
Mob.No..9927136750

By Jitendra Arora

- एडिटर -

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