उत्तराखंड में पेपर लीक और भर्तियों में घोटाले की ख़बरें तो जरुर सुनी होंगी. ऐसे मामले इतने अधिक आ रहे हैं कि अब तो ऐसा लग रहा है की अब हमारा प्रदेश उत्तराखंड नहीं बल्कि पेपर लीक खंड या भ्रष्टाचार खंड प्रदेश के नाम से पहचाना जायगा.
अब तो भ्रष्टाचार की हद ही हो गई है. ज़रा सोचिये एक होनहार छात्र जो बड़ी मेहनत करता है और परीक्षा की तैयारी में अपनी जवानी लगा देता है. लेकिन जब पेपर देने जाता है तो पता चलता है पेपर लीक हो गया या भर्ती में घोटाला हो गया. उस पर क्या बीतती होगी. उसके बदले नाकाबिल लोगों की जॉब लगा दी जाती है.
अब एक बात और सोचिये कुछ लोग कुछ लोग मोदी जी की कड़ी मेहनत को देखकर तो वोट देते हैं, और वह इस भ्रष्ट तंत्र की वजह से आखिर में चुनाव हार जाएँ तो कैसा लगेगा,
यह सब जो भ्रष्टाचार हो रहा है और मेहनत करने वाले छात्रों के साथ धोखा हो रहा है, और उनके भविष्य के साथ ही खिलवाड़ नहीं किया जा रहा बल्कि आने वाले उत्तराखंड और देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
अगर ये गुणवत्ता हीन लोग पेपर लीक द्वारा पास हो गए और ऐसे लोगों को भर्ती घोटाले में सरकारी नौकरी लग गई तो भविष्य में यह देश की जनता के साथ क्या करेंगे. भ्रष्टाचार से नौकरी पाने वाले लोग भ्रष्टाचार को ही बढावा देंगे. और यह इतने काबिल भी नहीं होंगे जो जनता की समस्या को हल कर सके, जिससे आने वाला भविष्य और भी ख़राब होगा.