हम सबको स्वस्थ रहना बहुत अच्छा लगता है | क्योंकि जो व्यक्ति स्वस्थ रहता है उसका दिल और दिमाग भी स्वस्थ रहता है | वह सभी काम अच्छी तरह से कर सकता है | हमारे प्राचीन काल से आयुर्वेद में यही बताया गया है | और इसके बहुत सारे उपाय भी बताये हैं | आज की पोस्ट में हम आपको हल्दी के चमत्कारिक गुण बताने वाले हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं |
सबसे पहले आपको बता दें की हल्दी को इंग्लिश में Turmeric कहते हैं | इसके इतने फायदे है की आप सोच भी नहीं सकते | कोरोना काम में तो आपने देखा भी और सुना भी की दूध के साथ हल्दी लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है | तो आइये और भी ऐसे फायदे जानते हैं |
हल्दी भी एक औषधि है:
पिछले लेखों में हमने कई प्रकार के औषधियों के विषय में जाना। इसी श्रृंखला में आइए आज जानते हैं। कि आयुर्वेद में हल्दी की क्या भूमिका है। यह बात लगभग सभी लोग जानते हैं। कि हल्दी खाना बनाने में उपयोगी होने के साथ-साथ कई प्रकार से औषधि का भी काम करती है। लेकिन हम इसे किन किन रोगों में उपयोग कर सकते हैं। यह बहुत कम लोग जानते होंगे। हल्दी के उपयोग से हम अपनी सामान्य तकलीफों में सुधार तो कर लेते हैं। लेकिन हल्दी और भी कई प्रकार के तकलीफों में हमारे काम आ सकती है। आइए जानते किन किन रोगों में कारगर है हल्दी।
खांसी में हल्दी का प्रयोग:-
यदि खांसी से परेशान हों। और चाहते हो खांसी की परेशानी से छुटकारा तो भी हल्दी आपके काम आ सकती है। एक चम्मच हल्दी को हल्के गर्म तवे पर भून लें। और उसे गर्म पानी के साथ खाए। यह उपाय सुबह शाम करें। ऐसा दो तीन बार करने मात्र से ही आपको आराम मिलेगा।
आपकी आंखों की पीड़ा हर सकती है हल्दी:-
आंखों में दर्द हो या कचरे आते हो चाहे आंखें हो गई है किसी प्रकार के संक्रमण का शिकार हल्दी का उपयोग इन सभी समस्याओं को दूर कर देगा। कच्ची हल्दी को साफ – सुथरे स्थान पर या पत्थर पर घिस लें पानी के साथ और उसे आंखों में काजल की तरह सावधानी पूर्वक लगाएं। और लगाने के बाद थोड़ी देर तक आंखों को बंद ही रखें। यह प्रयोग लाभदायक सिद्ध होगा।
थकान व बदन दर्द में हल्दी का सेवन:-
थकान हो या शरीर का दर्द एक चम्मच हल्दी गर्म दूध के साथ लेने से। आराम मिलता है।
बच्चों के वक्ष में बलगम के जम जाने पर क्या करें:-
बच्चों की वक्ष(छाती) में कई बार कफ जम जाता है। जिससे उनकी ग्रोथ भी रुक जाती है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ का सामना भी करना पड़ता है। और कई बार इसकी वजह से बच्चे साफ शुद्ध वाक्य नहीं बोल पाते हैं। और वे तोतले ही रहते हैं जबकि आयु बढ़ने के साथ-साथ उनकी बोली भी शुद्ध हो जानी चाहिए। तो इसके लिए शुद्ध हल्दी के पाउडर को सरसों के तेल के साथ लेप बनाकर उनके वक्ष पर लगा कर आधा 1 घंटे के लिए उन्हें ऊपर के वस्त्र धारण ना करवाएं। जिससे दवाई को (लेप) को शरीर में भीगने का अवसर मिले । उसके बाद स्नान करवा दें । तथा भुनी हुई हल्दी और शहद सुबह शाम एक एक चम्मच चटाए ।ऐसा ऐसा कई बार करने से जमा हुआ बलगम पिघल कर उल्टी आदि के माध्यम से बाहर हो जाएगा।
त्वचा के लिए हल्दी:-
यह तो सभी जानते हैं की हल्दी त्वचा के लिए कितनी गुणकारी है। चेहरे पर दाग धब्बे आदि मिटाने के लिए व गोरे होने के लिए भी हल्दी का उपयोग कर सकते हैं कच्ची हल्दी और मलयागिरी चंदन को पिस कर शहद के साथ लगाने से या फिर मलाई के साथ हल्दी पाउडर को मिलाकर लगाने से भी चेहरे की समस्याएं ठीक हो जाती है। बस शर्त यह होगी कि हल्दी पाउडर शुद्ध होना चाहिए।
हड्डी के चोट में हल्दी का उपयोग:-
यदि चोट लग गई हो और वह चोट गहरी हो जिसके कारण हड्डी में दर्द हो जाए। या चोट के प्रभाव से कहीं खून जम जाए। तो हल्दी पाउडर दो-तीन चम्मच या चोट के हिसाब से इतना हल्दी ले लें कि पूरे चोट पर लेप लगाया जा सके ।फिर उसमें एक चुटकी चूना बुझा हुआ जो पान आदि में डाला जाता है ।वह चूना उस हल्दी पाउडर में मिला दें। उसके बाद उसमें पानी और (प्याज का रस संभव हो सके तो) अन्यथा कोई आवश्यक नहीं है। डालकर गरम कर ले गर्म करते वक्त उसे चम्मच से चलाते रहें। और जब वह लाल हो जाए और अच्छे से पृष्ठ की तरह हो जाने पर उतार ले। अब इसे ठंडा होने दें। जब सहन करने योग्य गरम रह जाए। तब इस पेस्ट को चोट पर लगा दें और पट्टी कर दें। आपकी समस्या ठीक हो जाएगी।
नित्य हल्दी का उपयोग:-
नित्य दो चम्मच हल्दी खाने वाले लोग अनेकों प्रकार के बीमारियों से दूर रहते हैं। तथा उनकी भी कई समस्याएं स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं।
कैंसर में भी हल्दी दे सकती है राहत:-
थैरिपी ले लेकर परेशान कैंसर के मरीजों के लिए भी हल्दी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आपको शायद विश्वास ना हो पर यह उपाय सत्य है। तथा यह भयंकर रोग होने के कारण आपको डॉक्टरी इलाज छोड़ने की सलाह नहीं दी जाती ।परंतु इसके साथ इस उपाय का प्रयोग भी हानी नहीं करेगा। अतः मेरी यही प्रार्थना रहेगी। कि आप अंग्रेजी चिकित्सा के साथ इस उपाय को भी करें इससे ना तो किसी प्रकार का रिएक्शन का डर है। और नहीं कोई हनी। सुबह खाली पेट में दो चम्मच हल्दी गोमूत्र के साथ लेने से कैंसर में प्रभाव कारी है। आपको शायद पता ना हो परंतु कैंसर रोग की थेरेपी बनाने में गौ रक्त का प्रयोग किया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी यह माना है की गाय के भीतर कैंसर से बचने के तत्व हैं। तो यह उपाय गलत नहीं है। इसी से सिद्ध हो जाता है क्योंकि जो दवा वे गौ रक्त से बनाते हैं यदि उसी रोग की दवा गोमूत्र बताई जाती है तो साधारण सी बात है। जो गुण गौ माता के रक्त में वे पाते हैं वह गुण क्या मूत्र में नहीं है।
टीवी के रोग में हल्दी:-
टीवी के रोग में भी हल्दी का कुछ ऐसा ही उपयोग है। टीवी के मरीज को बछिया के मूत्र के साथ सुबह शाम हल्दी का सेवन कराने से तथा जहां बछिया बांधी जाती हो उस स्थान पर एक दो घंटा रोज बैठने या समय बिताने से लाभ होता है। क्योंकि बछिया के मूत्र गोवर तथा मुख से निकली हुई हवा जो उनके पघुराने से निकलती है। उसमें अनेकों प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म करने की शक्ति होती है।
दांतो की मजबूती में हल्दी की भूमिका:-
दातों के मजबूती के लिए भी हल्दी का उपयोग किया जाता है। हल्दी पाउडर, सेंधा नमक सरसों के तेल को मिलाकर दांतो की मसाज करने से दांत मजबूत रहते हैं।
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