भारतीय संविधान में एकल नागरिकता को स्वीकार किया गया है। यहां राज्य के लिए अलग से नागरिकता का कोई उपवन्ध नही किया गया है। प्रत्येक नागरिक को नागरिकता से उदभूत वे सभी अधिकार विशेषाधिकार और उन्मुक्तियॉं प्राप्त है, चाहे वह देश के किसी भी प्रान्त का निवासी हो। अमेरिका मे स्थिति बिल्कुल भिन्न है। अमेरिकन संविधान मे संघीय सिद्धांत को कठोरता से लागू किया गया है, अमेरिका मे दोहरी नागरिकता है, एक तो संध की दूसरी उस राज्य की नागरिकता जहाँ व्यक्ति पैदा हुआ हो और स्थायी रूप से निवास कर रहा हो। दोनो प्रकार की नागरिकता से भिन्न -भिन्न अधिकार और कर्तव्य नागरिको को प्राप्त होते है। भारत मे ऐसा नही है। इसका मुख्य कारण है कि हमारे देश संधीय सिंद्धांत को संशोधित रूप से अपनाया गया है और एकल नागरिकता को मान्यता देकर भारत की अखण्डता को बनाये रखने का प्रयत्न किया गया है ।

By Jitendra Arora

- एडिटर -

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *