ईडीपी प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रतिभागियों ने किया लघु उद्योग का भ्रमण

राजकीय महाविद्यालय जसपुर ऊधम सिंह नगर में आयोजित देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने इंडस्ट्रियल विजिट किया जिसमें उद्यमियों के द्वारा मशरूम कल्टीवेशन , फिशरी फार्मिंग, डेयरी फार्मिंग एवं फ्लोरीकल्चर की जानकारी दी गई। प्रतिभागियों को सूरजन नगर में स्थित “चौहान ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड” में विजिट कराया गया इसके संस्थापक श्री अनुज चौहान जी द्वारा प्रतिभागियों को कई प्रकार के मशरूम की जानकारी दी गयी। उन्होंने बटन मशरूम के कल्टीवेशन के लिए पूर्ण जानकारी दी ।तथा इंडस्ट्रियल विजिट कराया। जिसमें कैसे मशरूम का उत्पादन किया जाता है ?उसके लिए क्या-क्या तैयारी करनी होती है? कैसे ग्रो बैग, कंपोस्ट, रसायन आदि का उपयोग किया जाता है ? क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए उसके लिए संपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे कंपोस्ट खाद की परत तैयार की जाती है तथा उसके ऊपर मशरूम के बीज या स्पान को मिलाया जाता है और मशरूम जर्मिनेशन से लेकर बाजार तक पहुंचाने की पूर्ण जानकारी दी। प्रतिभागियों ने श्री अनुज चौहान जी से मशरूम कल्टीवेशन में आने वाली समस्याओं के निदान की जानकारी ली।मत्स्य पालन में रुचि रखने वाले प्रतिभागियों को ग्राम दुल्हेपुर पट्टी जाट के “हमजा फिश फीड फॉर्म ” में विजिट कराया गया। फिश फीड फॉर्म के प्रबंधक अब्दुल कादिल ने प्रतिभागियों को फिश फार्मिंग की पूर्ण जानकारी दी , किस प्रकार से तालाब तैयार किया जाता है ,खाद का प्रयोग ,रासायनिक उत्पाद तथा कृत्रिम और प्राकृतिक भोजन की अवधि तथा मार्केटिंग के विषय में जानकारी दी।
प्रतिभागियों को डेयरी फार्मिंग की जानकारी हेतु “मधुसूदन डेयरी की फ्रेंचाइजी खालसा मलिक डेयरी कलेक्शन सेंटर” ग्राम जगतपुर पट्टी में विजिट कराया गया। डेयरी के प्रबंधक मनप्रीत सिंह जी ने डेयरी के विषय में पूर्ण जानकारी देते हुए किस प्रकार से अच्छी नस्ल के गाय को लेने से लेकर वैक्सीनेशन, दवाई ,देखरेख, चारा तथा किस प्रकार से आप अपना स्टार्टअप कर सकते हैं को विस्तार से समझाया। प्रतिभागियों ने देरी स्टार्टअप में आने वाले खर्च तथा कैसे हम फ्रेंचाइजी ले सकते हैं इसके विषय में पूर्ण जानकारी प्राप्त की। इसके पश्चात किस प्रकार से गाय के गोबर को उपयोग में लाया जा सकता है इसकी भी जानकारी प्रतिभागियों को दी गई। जिसके लिए बायोगैस प्लांट के प्रबंध अमृतपाल सिंह जी ने पूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि यह मिट्टी की उर्वरता तथा केंचुए की गुणवत्ता में सुधार करता है। इसका उपयोग जैविक उर्वरक के रूप में फसल आदि के लिए भी करते हैं, तथा बायोगैस और बिजली उत्पादन करने करने का भी उत्कृष्ट स्रोत है।प्रतिभागियों ने बड़े उत्साह से भ्रमण के दौरान जानकारी प्राप्त की। इसके पश्चात फ्लोरीकल्चर में स्टार्टअप से संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतु सभी प्रतिभागियों को काशीपुर स्थित भरतपुर ग्राम में “वैदिक इंटरप्राइजेज” में विजिट कराया गया इसके संस्थापक श्री राहुल चौधरी जी ने गुलाब की खेती के विषय में पूर्ण जानकारी देते हुए गुलाब के फूल की विभिन्न किस्में, जलवायु, भूमि, रूट स्टॉक, बुडिंग, खाद ,उर्वरक, प्रूनिंग, डेंटल की कटाई और पैकिंग के विषय में विस्तार से समझाया तथा गुलाब के फूल में लगने वाले विभिन्न प्रकार की बीमारियां जैसे थिप्स , बैक्टीरिया, और फंगल और उनके रखरखाव की पूर्ण जानकारी दी। इसके साथ ही प्रतिभागियों ने फ्लोरीकल्चर संबंधित समस्याओं के निदान की जानकारी प्राप्त कर किस प्रकार से हम फूलों की मार्केटिंग कर सकते हैं इसके बारे में भी विस्तार से जाना।
भ्रमण के दौरान नोडल डॉ० बिनीता बिष्ट , डॉ० नीति गोयल एवं देवभूमि उद्यमिता योजना की टीम से श्री अनुराग उपस्थित तथा समस्त प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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