आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार के मामले बड़े –
देश की जनता के स्वास्थ्य को सुरक्षा कवच देने वाली मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना भ्रष्टाचार के चंगुल में फंसती जा रही है। निजी अस्पतालों (Ayushman Yojna Hospital) द्वारा योजना की आड़ में फर्जी तरीके से सरकार से पैसा ऐंठने के कई मामले पकड़ में आ चुके हैं । कई मामलों में सरकार ने निजी अस्पतालों और डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई भी की है लेकिन उसके बाद भी घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं l उत्तराखण्ड में शुरू हुई अटल आयुष्मान योजना भी चिकित्सा सुविधा से ज्यादा भ्रष्टाचार के लिये चर्चित होती जा रही है। 5 लाख तक का मुफ्त इलाज देने वाली इस योजना के तहत अवैध तरीके से सरकार से पैसा एठने के मामले बड़ते जा रहे हैं l
अगर ऐसे ही चलता रहा तो देश के लोगों को जीवन देना वाली इस योजना का अंत निश्चित है । कानूनी कार्यवाही से निजी अस्पतालों को इस योजना से हटाना पड़ेगा जिससे जनता को इलाज़ नहीं मिल पायगा ।अच्छे इलाज के लिए फिर से जनता को इधर उधर भटकना पड़ेगा । और जो निजी अस्पताल सरकार को भी नहीं बख्श रहे उनके जाल में ही फंसना पड़ेगा ।
इसलिए सरकार को इन भ्रष्ट अस्पतालों पर कानूनी कार्यवाही करने के बजाये दुसरे प्रकार के जुर्माने लगाने चाहिए । जिससे यह योजना भी चलती रहे और अस्पतालों को भी दंड मिलता रहे साथ में जनता को इलाज भी मिलता रहे ।
आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार करने वाले अस्पतालों पर लगे फ्री इलाज का नियम – Ayushman Yojna Hospital
सरकार को अटल आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार करने वाले अस्पतालों पर यह नियम लगाना चाहिए की अगर आपका भ्रष्टाचार सिद्ध होता है तो आपको पुरे 1 वर्ष या उससे अधिक वर्ष मरीजों का फ्री इलाज करना पड़ेगा जिनका गोल्डन कार्ड बना हुआ है l ऐसा करने से सभी को लाभ मिलेगा और देश का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा । फ्री इलाज़ के नियम से अस्पतालों को भी सुधरने का मौका मिलेगा और भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों को भी कानूनी कार्यवाही से छुटकारा मिल जायगा । और सरकार की भी योजना चलती रहेगी ।
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जय हिन्द