मोदी सरकार ने जब आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ किया था तो लग रहा था कि अब भारत का गरीब व्यक्ति भी अच्छा इलाज करा सकेगा l निजी अस्पतालों में भी आयुष्मान योजना के बड़े बड़े बेनर देखकर लोगों का लगा की अब उनका बहुत सारा पैसा इलाज में खर्च नहीं होगा और इन निजी अस्पतालों में अच्छा इलाज हो सकेगा l सरकारी अस्पताल की भीड़ से मुक्ति मिलेगी l
देश – विदेश में भी मोदी सरकार की इस योजना की तारीफ की गई थी l दुनियां के सबसे अमीर और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने भी इस योजना की तारीफ के पुल बांधे थे l लेकिन इंसान के लालच ने गरीब इंसान के अच्छे इलाज के सपने को चकना चूर कर दिया l निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना में इतनी लूट मचाई की अधिकतर अस्पताल भ्रष्टाचार में पकडे गए l काशीपुर उत्तराखंड के एक अस्पताल ने तो इतनी हद कर दी की उसकी FIR लिखने में पुलिस के पसीने छूट गए l इस अस्पताल ने इतना भ्रष्टाचार किया कि एक FIR लिखने में 7 दिन से ज्यादा दिन लग गए l और नेशनल चनेलों पर यह मुद्दा छा गया l
अब यह हालात है की आयुष्मान योजना में अधिकतर निजी अस्पताल ब्लैक लिस्ट हो चुके हैं l गरीब जनता इन अस्पतालों में मुफ्त इलाज नहीं करवा पायगी l देश की गरीब जनता को फिर से सरकारी अस्पतालों में भीड़ के बीच लम्बी लम्बी लाइनों में लगकर अपना इलाज करवाना होगा या निजी अस्पतालों के भारी भरकम इलाज में अपनी गाडी कमाई को लगाना होगा l जिन निजी अस्पतालों ने सरकारी योजना में इतने बड़े बड़े भ्रष्टाचार कर दिए तो गरीब जनता को लूटने में कैसे कोई कसर छोड़ सकते हैं l
अगर सरकार चाहती तो इस भ्रष्टाचार को कुछ हद तक रोका जा सकता था l आयुष्मान भारत योजना को बनाने वाले अगर ज़रा भी ध्यान देते तो किसी भी निजी अस्पताल की इतनी हिम्मत नहीं होती की वह जरा सा भी भ्रष्टाचार कर सके l इस योजना में सबसे बड़ी चुक यही हुई कि एक बार निजी अस्पतालों का भ्रष्टाचार पकडे जाने पर इन पर जुर्माना लगाया जायगा या केस किया जायगा l
लेकिन योजना को रूप देने वाले इस जुर्माने को कुछ चरणों में बाँट देते तो इतने बड़े भ्रष्टाचार को रोका जा सकता था l जैसे हाल ही में ट्रेफिक नियमों में किया गया है l अगर पहली बार कोई नियम तोडा गया तो इतना जुर्माना लगेगा, दूसरी बार नियम तोडा को जेल की सजा और तीसरी बार नियम तोडा तो आजीवन लाइसेंस रद्द l
अगर ऐसा ही इस आयुष्मान भारत योजना में किया जाता तो गरीबों को मुफ्त इलाज मिल सकता था l और निजी अस्पताल कभी भी भ्रष्टाचार नहीं करते क्योंकि उन्हें अपने मेडिकल लाइसेंस को रद्द होने से बचाना होता l
न्यूज़ वन नेशन सरकार से मांग करता है की इस योजना में ऐसे ही नियम बनाये जिससे कोई भी भ्रष्टाचार करने से पहले सौ बार सोचे l और देश की जनता को इन्साफ मिले l जय हिंदी
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