21 वीं शताब्दी का जुलाई सबसे लंबा चंद्र ग्रहण शुरू हो चुका है। और कई देशों में इसका असर दिखाई देने लगा है। भारत में भी इसका आंशिक रूप दिखाई देने लगा है। कई वर्षों बाद ऐसा ग्रहण लग रहा है जोकि एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। दुनिया भर के लोगों के बीच इसके लिए बहुत उत्साह है। भारत के लोग तो और भी बेसब्री से इस चंद्र ग्रहण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके सूतक के असर हमारे देश मे भी होगा इसलिए भारत के लोग इस चंद्र ग्रहण के बारे में थोड़ा अधिक जागरूक हो रहे हैं। आपको बता दें कि यह चंद्र ग्रहण 2001 से वर्ष 2100 तक का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा। इसकी कुल अवधि 6 घंटे 14 मिनट होगी। इसके साथ, पूर्णिमा ग्रहण की स्थिति 103 मिनट होगी।
आपको पता होना चाहिए कि चंद्र ग्रहण उस स्थिति को कहा जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा उस वक्त हो सकता है जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में हों। इस कारण चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा तिथि को ही घटित होता है। चंद्र ग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्र संधियों के सापेक्ष चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। यह है कि यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना तो है लेकिन साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण का प्रभाव लोगों की कुंडली और उनकी राशियों पर भी पड़ता है। इसका ज्यादातर प्रभाव नकारात्मक होता है लेकिन कुछ राशि के जातकों को इसका लाभ भी मिलने की मान्यता है।
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