इजरायल और फिलिस्तीन में क्या युद्ध चल रहा है ?

हमास ने इस ताजा संघर्ष के लिए इजराइल plishteen के बीच लंबे समय से चल रहे! तनाव को जिम्मेदार ठहराया है।इसमें अलग आस-पास का विवाद भी शामिल है इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जारी है! 35 एक्कड़ जमीन के लिए इजराइल और फिलिस्तीन के बीच का युद्ध आज हम आपको बताएंगे !

पूरी दुनिया का कुल क्षेत्र 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एक जमीन पर बस जिस पर दुनिया भर की आबादी 7 अरब से ज्यादा 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एक्कड़ की सिर्फ और सिर्फ      

35 ए जमीन का एक ऐसा टुकड़ा !जिसके लिए बरसों से जंग लड़ी जा रही है। जिस जंग में हजारों जान जा चुकी हैं!  लेकिन आज भी दुनिया में 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एकड का जमीन है! 35 एकड  जमीन की मालिकाना हक कोई फैसला नहीं है।अभी तक चल रही है! जंग जो तीन धर्मों से जुड़ा है! जमीन का टुकड़ा जिस पर सैकड़ो साल पहले इसाइयो का कब्ज़ा हुआ करता था।!लेकिन 1187 में मुसलमानों का कब्ज़ा शुरू हुआ! तब से 1948 से तक चलता रहा लेकिन फिर  1948 का जन्म हुआ !उसके बाद से ये ज़मीन इस टुकड़े को लेकर तब का जंग शुरू हो गया अब हम जानेंगे!  35 एक्कड़ ज़मीन के टुकड़ों में ऐसा क्या है !जो मुसलमान यहुदियाँ इसाइयाँ लड़ते आ रहे हैं?

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(1) मुसलमानों का दावा

मुसलमानों की मान्यताओं को मुताबिक मक्का मदीना के बाद हरम अल शरीफ़ उनके लिए तीसरा और पवित्र पात्र जगह है!मुस्लिम धर्म कर्म कुरान के मुताबिक आखिरी पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मक्का से उड़ते हुए घोड़े पर सवार होकर।हरम अल शरीफ पाहुंचे थे! और यहीं से वह जन्नत गए थे! फिर मान्यता के मुताबिक शर्म में मौजुद उसी हराम अल शरीफ एक मस्जिद बनी थी।जिसका नाम अल अक्सा मस्जिद रखा गया! याह मस्जिद ठीक उसी जगह पर बनी है! जहां दुरुस्लाम पाहुंचने के बाद पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपनी कदम रखे थे।अल अक्सा मस्जिद के करीब एक सुनहरी गुनबाद वाली इमारत है! इस्तेमाल कयामत की चट्टान कहा जाता है !मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक यह वही जगह है! पैगम्बर मोहम्मद जन्नत गए जाहिर है!फिर वह से मस्जिद और temple Mount इसलिए फिर वजह से मस्जिद और doom of the rock यानी बेहद कीमती है! यहीं वजह से वह अपना दावा ठोकते हैं!

(2) यहुदियों का दावा

यहूदियों की मान्यता है! कि येरूशलम में 35 एक्कड़ की जमीन पर उनका temple Mount है !वह जगह उनके ईश्वर की मिट्टी राखी थी जिसके आदम अलैहिस्सलाम का जन्म हुआ था !यहुदियों की मान्यता है कि वही जगह है! जहां अब्राहम खुदा ने कुर्बानी मांगी थी! अब्राहम के 2  बेटे The एक esmaile दूसरा eshaaq अब्राहम  ने खुदा की राह में कुर्बान करने का फैसला किया लेकिन यहूदी मान्यताओं के मुताबिक eshaaq की जगह एक भेद को रख दिया। जिस जगह पर घाटना हुई थी !उसका नाम temple Mount है बाद में Eshaaq का एक बेटा हुआ जिसका नाम जैकब था। दूसरा नाम इज़रायल था! इजराइल को 12 बेटे हुए इनहोन खानदान को अपने आगे बढ़ाया।

(3) इसाईयों का दावा

इसाईयों की मानता है! कि 35 एक्कड़ जमीन से उपदेश दिया फिर जमीन से वाह सुली चढ़े फिर  दोबारा जी उठे फिर  एक बार और जब वाह जिंदा होकर लौटेंगे तो भी इस जगह पर अहम भूमिका होगी जाहिर है! जैसे जैसी मुसलमान यहुदी इसाई के लिए कीमत है !यही तीन धर्म से जुड़ा है 35 एक्कड़ जमीन!

अब बात यह आती है! 35 एक्कड़  ज़मीन जब 3  धर्मों के लिए इतना अहम है! तो फिर फ़िलहाल इस बात पर कब्ज़ा किसका चल रहा है !धार्मिक राखरखाव की जिम्मेदारी किस पर है यहूदी और मुसलमान आपस में लड़ते रहे हैं !1187 में पहला कुछ वक्त तक हरम अल शरीफ या फिर temple Mount पर ईसाइयों का कब्ज़ा हुआ करता था।जैसे कि 1187 में मुसलमानों का भी कब्ज़ा था इसकी ज़िम्मेदारी 1948 से लेकर इस्लामिक ट्रस्ट पर प्रबंध रख गया।इस दौरन ग़ैर मुस्लिम की एंट्री नहीं थी! 1948 से पहले फ़िलिस्तीन का एक हिसा हुआ करता था! हालांकी तब भी यहाँ यहुदियों सुनारदी का दौरा पर रहा करता था।लेकिन उनका समय अंग्रेजों के अधीन था 1948 में अंग्रेजों ने जाते-जाते अंग्रेजों फ़िलिस्तीन  के दो टुकड़े कर दिये ठीक वैसे ही 1947 में अंग्रेजों ने भारत के दो टुकड़े किये थे।तब शुद्ध फिलिस्टिन का 55 हिसा phlishteen का हिससे में आया 45वीं सदी इजराइल के हिससे में आया! फिर 14 मई 1948 को इजराइल ने खुद को एक आजाद देश घोषित कर दिया।फिर तरह दुनिया में यहुदियों देश का एक फिर जन्म हुआ !मगर युरुशलम को लेकर लडाई अभी भी चल रही थी!इजराइल और फिलिस्तीन dono यारूशलम लेकर अपनी राजधानी बनाना चाहते थे।यही फैसला हुआ 35 एक्कड़ जमीन का टुकड़ा प्रति इजराइल और ना फिलिस्तीन का कब्ज़ा रहेगा !वह राष्ट्र की अधीन रहेगा।प्रति इसके बावजुद हराम अल शरीफ मंदिर माउंट रख राखव की जिम्मेदारी किसी दुकानदारी जाती !इसका भी hal निकला गया ! एक तीसरा देश jeedan हरम अल शरीफ में फिर temple Mount का प्रबंधन जिम्मेदरी सौंपी गई । 

समझोते के बवजूद 1956 ;1967 ;1973 ;1982; में इजराइल फिलिस्टिन आपस में लड़ते रहे। इजराइल लगातर फिलिस्टिन की जमीन पर कब्ज़ा करता रहा !और अब फ़िलिशटीन  12 फिसदी के टुकड़े पर ही सिमत कर रह गया।जबकी अधिकारी रूप से जेरूसलम को छोड़ कर इजराइल बाकी के 80 फिसादी के इलाके पर कब्ज़ा जमा चुका है।फ़िलिस्तीन के नाम पर दो ही इलाके बचे हैं!

  • गाजा
  • वेस्ट बैंक

जो गाजा पे ke बिच सारे रॉकेट बाम फिर  गांजा पे इजराइल पर गिराए जा रहे हैं!और इजराइल भी गाजा पर लगातार बम छोड़ रहा है! पिछले 3 दिनों में दोनों तरफ से 1000 लोगों की मौत हो चुकी है !अमेरिका और यूके समेत काई देश इजराइल के साथ हैं।

फिलीस्तीन की 22 देशों अरब का साथ मिल रहा है ! 22 अरब मुल्कों ने लड़ाई में फिलीस्तीन के लिए आवाज उठाई है! इजराइल के हमले से 24 घंटे में फिलीस्तीन ने 256 मारे गए! लगतार बम रोकेट छोड़ते ही जा रहे हैं !जंग तेजी से बढ़ रही है !

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