बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयन्ती बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों का एक प्रमुख त्यौहार है। बुद्ध जयन्ती वैशाख पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का स्वर्गारोहण समारोह भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध को
बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। आज पूरे विश्व में बौद्ध धर्म को मानने वाले करोड़ो लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। आज पूरे विश्व में बौद्ध धर्म को मानने वाले करोड़ो लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
धार्मिक ग्रंथों के
अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार माना गया है| बुद्ध पूर्णिमा के दिन लोग व्रत-उपवास रखते हैं| इस दिन बौद्ध मतावलंबी श्वेत वस्त्र धारण करते
हैं और बौद्ध मठों में एकत्रित होकर सामूहिक उपासना करते हैं तथा दान दिया जाता है| बौद्ध और हिंदू दोनों ही धर्मो के लोग
बुद्ध पूर्णिमा को बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हैं| बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों व
धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है| संपूर्ण विश्व में मनाया जाने वाला यह
पर्व सभी को शांति का संदेश देता है I
ईसाई और इस्लाम धर्म से
पूर्व बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी। उक्त दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा
सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत आदि देशों
में रहते हैं।
सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत आदि देशों
में रहते हैं।
दो शब्दों में बौद्ध धर्म को व्यक्त किया जा सकता है- अभ्यास और जागृति। बौद्ध धर्म नास्तिकों का धर्म है। कर्म ही जीवन में सुख और दुख लाता है। सभी कर्म चक्रों से मुक्त हो जाना ही मोक्ष है। कर्म से मुक्त होने या ज्ञान प्राप्ति हेतु मध्यम मार्ग अपनाते हुए व्यक्ति को चार आर्य सत्य को समझते हुए अष्टांग मार्ग का अभ्यास कहना चाहिए यही मोक्ष प्राप्ति का साधन है।
सौ० वेबदुनिया
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