रूहानियत और इंसानियत संग संग
75 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम : सम्पूर्ण विवरण

काशीपुर :- रूहानियत और इंसानियत के दिव्य संदेश को दर्शाने वाले 75 में वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य आयोजन दिनांक 16 नवंबर से 20 नवंबर तक होने जा रहा है। इसी श्रंखला के अंतर्गत सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन कवर कमलों द्वारा समागम सेवाओं का उद्घाटन दिनांक 18 दिसंबर को संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में किया गया। उसी दिन से ही दिल्ली एवं अनेक राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों एवं सेवा दल के सदस्यों द्वारा नित्य प्रतिदिन सेवा में योगदान दिया जा रहा है। साथ ही सतगुरु के पावन दर्शन पाकर सभी भक्तों प्रफुल्लित हो रहे हैं।
समागम संबंधित विवरण:-
क्षेत्र-इस वर्ष का 75 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम पूर्व की भांति सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सानिध्य में संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा हरियाणा में आयोजित किया जा रहा है जिसका विस्तारण लगभग 600 एकड़ क्षेत्र में होगा! * आजकल जीटी रोड से आने जाने वाले यात्रियों के लिए यहां शाम यादों की चमकती हुई सुंदर नगरी उत्सुकता एवं आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
श्रद्धालुओं एवं भक्तों की संख्या:- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारत वर्ष से लगभग 8 से 10 लाख तथा दूर देशों से ढाई हजार के करीब श्रद्धालु भक्तजन संत समागम में सम्मिलित होकर दिव्यता के इस महाकुंभ का आनंद प्राप्त करेंगे!
सेवादल:-समागम स्थल पर तैयारियों से लेकर समागम की संपन्नता तक सेवादल के लगभग 150000 सदस्य सेवा के लिए तत्पर होंगे! यह सेवादार वर्ष भर उत्साह एवं तन्मयता के साथ निरंतर अपनी सेवाओं में जुड़े रहते हैं। इस वर्ष भी सेवा दल के सभी सदस्य संत समागम में सम्मिलित होकर सेवा में अपना योगदान देंगे।
स्वास्थ्य:- संत निरंकारी मंडल के स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम पर एलोपैथिक एवं होम्योपैथिक डिस्पेंसरी भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 14 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एक कायरो चिकित्सा पद्धति शिविर, तथा चार एक्यूप्रेशर फिजियोथैरेपी डिस्पेंसरियों की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। कायरों चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत 60 डॉक्टर एलोपैथिक में लगभग 100 और होम्योपैथिक में लगभग 40 डॉक्टर की टीम समागम स्थल पर कार्यरत रहेगी!इसके अतिरिक्त पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा समागम पर उपलब्ध करवाई जाएगी जिसकी संख्या लगभग 300 है।
एम्बुलेंस:- संत निरंकारी मिशन की ओर से 12 एवं हरियाणा सरकार की ओर से 20 एंबुलेंस समागम स्थल पर तैयार रहेंगी! इसके अतिरिक्त आपातकालीन स्थिति में निकट के पानीपत सोनीपत एवं दिल्ली के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में ले जाने की भी उचित प्रबंध किए गए हैं।
सुरक्षा प्रबंधन:-समागम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था हेतु हरियाणा सरकार के सहयोग से समुचित प्रबंध किया गया है जिसमें 50 चेकपोस्ट बनाए गए हैं! मिशन के सेवादार दिन रात पूरी जागृति के साथ ट्रैफिक कंट्रोल की सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं! जिससे कि जी टी करनाल रोड एवं ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे हैं और आने जाने वाले महात्माओं को किसी प्रकार की कोई भी परेशानी ना आए और व्यवस्था मर्यादित रहे। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सेवा दल के अतिरिक्त स्पेशल ड्यूटी की भी एक टीम सजगता के साथ सेवारत रहेगी!
संत निरंकारी मंडल हरियाणा सरकार का हृदय से आभारी है। जिन्होंने इस दिव्य संत समागम हेतु बिजली, पानी सीवरेज और अग्निशामक शिविर का व्यापक स्तर पर प्रबंध किया है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत हरियाणा पुलिस सिक्योरिटी एवं स्पेशल ड्यूटी की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई है।
कैंटीन:- समस्त समागम स्थल को चार मैदानों में बांटा गया है। सभी मैदानों में लगभग 22 कैंटीनों की व्यवस्था की गई है इसके अतिरिक्त 4 अन्य कैंटीन का भी प्रबंध किया गया है। ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा ना हो। इन सभी कैंटीन में खानपान की लगभग सभी सामग्री जैसे चाय कॉफी शीतल पेय पदार्थ तथा अन्य खाद्य सामग्रियां रियायती दरों पर उपलब्ध होंगे।

लंगर:-प्रत्येक मैदान में लंगर बनाने तथा उसके वितरण हेतु समुचित प्रबंध व्यवस्था की गई है इस वर्ष चपाती बनाने के लिए पांच मशीनों का प्रबंध किया गया है सभी श्रद्धालुओं को लंगर स्टील की थाली में परोसा जाएगा इसके अतिरिक्त लंगर तथा कैंटीन में स्वच्छता का भी विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है यह सभी सेवाएं सेवा दल के सदस्यों तथा अन्य श्रद्धालु भक्तों द्वारा दी जा रही है!
यातायात प्रबंधन:- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी भक्तों के लिए प्रशासन एवं भारतीय रेलवे के सहयोग तथा यातायात का समुचित प्रबंध किया गया है! भारतीय रेलवे ने नियमित आवागमन यात्रा हेतु दिल्ली से आनंद विहार हजरत निजामुद्दीन पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की सुविधाएं श्रद्धालु भक्तों के लिए उपलब्ध करवाई है इसके अतिरिक्त भोड़वाल माजरी रेलवे स्टेशन जोकि पानीपत समालखा में है । यहां पर समय अनुसार ट्रेनें रुकेंगी और यात्री गणों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाएंगी।
पार्किंग व्यवस्था:- मंडल के ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से समागम स्थल पर सभी भक्तों के लिए बसों की भी समुचित व्यवस्था की गई है श्रद्धालुओं सेवादारों आप उनको के लिए सत्संग पंडाल से कुछ ही दूरी पर वाहनों की पार्किंग हेतु स्थानों को आवंटित किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा ना हो।
संत निरंकारी मिशन का इतिहास:- संत निरंकारी मिशन सन 1929 से ही अपनी आध्यात्मिक विचारधारा द्वारा मानव को मानव से जोड़ने का कार्य कर रहा है मिशन के द्वितीय सतगुरु बाबा अवतार सिंह जी ने सन 1948 में संत निरंकारी मंडल की स्थापना की और उनकी पावन छत्रछाया में ही निरंकारी मिशन का प्रथम संत समागम हुआ और उसके उपरांत ही इन रिवर संत समागम की अविरल श्रृंखलाओं का आरंभ हुआ।
सत्य प्रेम एवं एक तू के इस अमृत संदेश को सन 1962 में बाबा गुरबचन सिंह जी द्वारा 1980 में बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा सन् 2016 में सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी द्वारा और वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में एक नई ऊर्जा एवं उत्साह के साथ निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है।
75 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम:- रुहानियत और इंसानियत संग संग का संदेश देता 75 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम अपनी दिव्यता की अद्भुत छटा को बिखरते हुए इस वर्ष बहुत ही विशाल एवं भव्य रूप में आयोजित किया जा रहा है। हम सभी के जीवन में रूहानियत और इंसानियत के संग संग का विशेष महत्व है। क्योंकि इनके आगमन से ही हमें सही अर्थ में आत्मिक संतुष्टि एवं आनंद प्राप्त होते हैं और यही इस पावन संत समागम का उद्देश्य भी है!
निरंकारी प्रदर्शनी के स्वरूप को 6 भागों में दर्शाया जाएगा:–निरंकारी प्रदर्शनी के अतिरिक्त मंडल का स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग भी अपनी गतिविधियों की प्रदर्शनी लगाएगा इसके अतिरिक्त संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को विशेष मामलों तथा फोटो द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है। इन गतिविधियों में स्वास्थ्य परियोजना, रक्तदान शिविर वृक्षारोपण, सफाई अभियान, युवा एवं महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, प्राकृतिक आपदाओं में सहायता कार्य इत्यादि प्रमुख हैं!
इन सबके अतिरिक्त बाल प्रदर्शनी, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग, प्रदर्शनी, डिजाइनर स्टूडियो, पत्रिका विभाग, कचरा निपटान प्रबंधन, समाज कल्याण गतिविधियां इत्यादि प्रमुख है। मिशन ने पर्यावरण संरक्षण हेतु भी अब अनेक अभियानों को क्रियान्वित रूप दिया है। इसके अतिरिक्त मिशन द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधित सुविधाएं स्वस्थ पेयजल की प्रबंध व्यवस्था शिक्षा के स्तर में और अधिक सुधार लाने हेतु विद्यालयों की देखरेख महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र सिलाई एवं कढ़ाई केंद्र व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे हैं। ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और एक सुंदर समाज का नवनिर्माण हो।
संत निरंकारी मिशन रक्तदान करने में समूचे देश में अग्रणी स्थान पर रहा है। जिसके लिए उसे सम्मानित भी किया गया है। इसके अतिरिक्त संत निरंकारी मिशन का मुंबई में ब्लड बैंक भी है। मिशन द्वारा अभी तक 7359 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा चुका है, जिससे 1216217 यूनिट रक्त एकत्र किया जा चुका है।
मानव कल्याण के अंतर्गत कोविड-19 के मध्य मिशन द्वारा सैकड़ों निरंकारी सत्संग भवन को कोविड-19 टीकाकरण सेंटर में परिवर्तित किया गया था ।साथ ही साथ संत निरंकारी मिशन के कई सत्संग भवन काफी समय से क्वारंटाइन सेंटर के रूप में संबंधित प्रशासन को उपलब्ध कराए गए ।जिन से काफी संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं। जन कल्याण से संबंधित यह सभी सेवाएं निरंतर रूप से जारी हैं ।75 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम हर प्रकार से रूहानियत और इंसानियत संग संग के एक दिव्य समागम मानवता को प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समस्त जानकारी काशीपुर निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा द्वारा दी गई।

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