कानूनी जानकारी – प्रसाद का सिद्धांत | Doctrine of Pleasure

Whatsapp Channel Join
Telegram Channel Join

इंग्लैण्ड मे सामान्य नियम यह है कि लोक सेवक सम्राट के प्रसाद पर्यन्त अपने पद को घारण करते है, अर्थाथ उन्हे किसी भी समय बिना किसी कारण को बताये नौकरी से निकाला जा सकता है क्योकि वह सम्राट की इच्छा तक नौकरी करते है । दूसरे शब्दो मे लोक सेवक नौकरी की समयावधि समाप्त होने से पूर्व ही निकाल दिया जाता है तो भी वह सम्राट से शेष वेतन की मांग नही कर सकता है । इसी को प्रसाद का सिद्धांत कहते है ।

    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 310 के द्वारा इस अंग्रेजी प्रसादपर्यन्त सिद्धांत को अपनाया गया है । जिसके प्रावधानो के अनुसार संघ के लोक सेवक राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त तथा राज्य के लोक सेवक राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त पद धारण करते है ।

    भारतीय संविधान द्वारा इस सिद्धांत को पूर्ण रूप से नही अपनाया गया है । इस सिद्धान्त के उपर निर्बन्धन भी लगाये गये है तथा इसके अपवाद भी है ।

5 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *