मानव एकता दिवस पर निरंकारी भक्तों द्वारा किया जाएगा महादान रक्तदान

युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी की स्मृति में उनकी शिक्षाओं से निरंतर प्रेरणा लेते हुए संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मानव एकता दिवस के अवसर पर संपूर्ण विश्व में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा।

इस वर्ष सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की पावन अध्यक्षता में दिनांक 24 अप्रैल 2022 दिन रविवार को प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) में भी एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा! इस शिविर में मिशन के श्रद्धालुओं द्वारा पूरे उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर रक्तदान किया जाएगा। रक्त एकत्रित करने हेतु एम्स अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल एवं रेड क्रॉस सोसाइटी से डॉक्टरों की एक टीम भी यहां पर उपस्थित होंगी!
इस अवसर पर संपूर्ण भारतवर्ष के लगभग 265 स्थानों पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें लगभग 40000 से 50000 यूनिट रक्त संकलित किए जाने की संभावना है। इन शिविरों का आयोजन संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन (संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा) के तत्वाधान में किया जाएगा! यह उपयुक्त जानकारी निरंकारी मिशन के सचिव श्री जोगिंदर सुखीजा जी द्वारा सांझा की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा कोविड-19 के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ही सभी रक्तदान शिविरों का आयोजन होगा ।
जिला ऊधम सिंह नगर के रूद्रपुर ब्रांच में भी (जसपुर जोन) यह रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा।इसकी जानकारी ज़ोनल इंचार्ज श्री राजकपूर जी द्वारा दी गई
समालखा में आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज अपना पावन आशीर्वाद प्रदान करेंगे और साथ ही ज़ूम ऐप के माध्यम द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष के शेष स्थानों पर आयोजित होने वाले सभी रक्तदान शिविर को भी सामूहिक रूप से आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
इसके अतिरिक्त उसी दिन थैलेसीमिया से संबंधित जांच की सुविधा भी समालखा एवं कुछ अन्य स्थानों पर उपलब्ध कराई जाएगी। जिसमें 16 से 30 वर्ष की आयु के सभी व्यक्ति लाभान्वित हो सकेंगे।
युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी सदैव ही समाज कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। उन्होंने एक और जहां सत्य के बोध द्वारा मानव जीवन को सभी प्रकार के भ्रमों से मुक्त किया। वहीं दूसरी ओर नशाबंदी एवं सादा शादियां जैसे समाज सुधारों की भी नींव रखी। उन्होंने मिशन के संदेश को केवल भारतवर्ष में ही नहीं अपितु विदेशों में भी पहुंचाया, जिसके परिणाम स्वरूप आज विश्व भर के 60 से भी अधिक देशों में मिशन की सैकड़ों ब्रांचेज़ स्थापित हो चुकी हैं। जो सत्य, प्रेम एवं मानवता का संदेश जन-जन तक पहुंचा रही हैं। बाबा गुरबचन सिंह जी ने युवाओं की ऊर्जा को एक नया आयाम देने के लिए उन्हें सदैव ही खेलों के लिए भी प्रेरित किया, ताकि उनकी ऊर्जा को उपयुक्त दिशा मिले। जिससे देश एवं समाज का सुंदर निर्माण हो सके।
मिशन के भक्तों के लिए रक्तदान पहले से ही जनकल्याण की सेवा भाव में एक अभिन्न अंग रहा है। युग दृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी के कथन “रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहे” इस संदेश को मिशन के अनुयायियों ने निश्चित रूप से चरितार्थ किया और जिसे वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशानुसार निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस विशाल रक्तदान शिविर में रक्तदान के लिए अल्प आहार एवं पेयजल की भी उचित व्यवस्था की जाएगी। यह समस्त जानकारी स्थानीय काशीपुर मीडिया प्रभारी प्रकाश कुमार द्वारा दी गई।

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