महाशिवरात्रि
हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है और भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। इस बार
यह पर्व 17 फरवरी दिन मंगलवार को मनाया जायगा। इस दिन लाखों की संख्या में
शिवभक्त हरिद्वार से कांवड में जल लाकर भगवान् शिव को अर्पित करते हैं । काशीपुर हो या उत्तराखंड सभी शहरों में आज शिव भक्त ही दिखाई दे रहे हैं। जगह जगह भंडारों का आयोजन किया जा रहा है। और सभी मंदिरों में शिवरात्रि की तैयारियां चल रही हैं। पुरे शहर में बम-बम भोले की गूँज सुनाई दे रही है। इनसाइड कवरेज की ओर से सभी देश
वासियों को शिवरात्रि की बहुत- बहुत शुभ कामनाये। जय भोले की ।
हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है और भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। इस बार
यह पर्व 17 फरवरी दिन मंगलवार को मनाया जायगा। इस दिन लाखों की संख्या में
शिवभक्त हरिद्वार से कांवड में जल लाकर भगवान् शिव को अर्पित करते हैं । काशीपुर हो या उत्तराखंड सभी शहरों में आज शिव भक्त ही दिखाई दे रहे हैं। जगह जगह भंडारों का आयोजन किया जा रहा है। और सभी मंदिरों में शिवरात्रि की तैयारियां चल रही हैं। पुरे शहर में बम-बम भोले की गूँज सुनाई दे रही है। इनसाइड कवरेज की ओर से सभी देश
वासियों को शिवरात्रि की बहुत- बहुत शुभ कामनाये। जय भोले की ।
पौराणिक कथा : फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता
है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र
के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव
तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए
इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया।
है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र
के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव
तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए
इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया।
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