भगवान् ने प्रकृति कि हर चीज इंसानों और अन्य जीव जंतुओं के लिए बनाईं है जैसे पानी , आग, धरती, वायु , सूरज, पेड़ आदि , लेकिन इन्सान ने ही इन्हें नष्ट करना शुरू कर दिया है,
हमारे संसार मी बहुत बडे बडे महापुरुष भगवन हुए जैसे श्री कृष्ण , श्री राम , गुरु नानक , अल्ल्हा , ईसामसीह आदि, जिनकी पूजा तो हर इंसान करता है , लेकिन आजकल का इंसान इनसे बढकर हो गया है वो इनसे भी बडे बडे काम करने लगा है ….. इन महापुरुषों ने कभी भी प्रकर्ति को नष्ट नही किया , लेकिन आजकल का इंसान सब कर रह है ….. अपने आपको खुदा समझने लगा है, “इंसान एक छोटी सी चींटी तो बना नही सकता खुदा क्या ख़ाक समझता है” इंसान इन महा पुरुषों कि पूजा तो करता है लेकिन इनके किये हुए कामों को भूल जाता है, ये प्रकर्ति को नष्ट करके क्या दिखाना चाहता है कि ये खुदा बन सकता है………………. जो इंसान प्रकृति को नष्ट कर रहे हैं वो हमारे बच्चों कि सबसे बडे दुश्मन हैं, ये लोग बच्चों कि जीने कि लिए जरुरी पानी , आग, धरती, वायु , सूरज, पेड़ आदि, कोनष्ट कर रहें हैं, inko बचाने कि बजाये इनको गन्दा कर रहे हैं, आने वाले समय मैं हमारे बच्चे अच्छी तरेह साँस भी नही ले सकेंगे और कभी भी साफ पानी नही पी सकेंगे। प्रदुषण कि वज़ह से बहुत से रोग होने लगे हैं बच्चों को ही नही हम सबको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसीलिए पहले ही हम सबको इसे बचाना होगा, और प्रकर्ति के लिए कुछ करना होगा….