NATO क्या है और इसकी फुल फॉर्म क्या है?
नमस्कार दोस्तों, आज कल आप आए दिन सुन रहे होंगे की रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है आखिर क्यूँ रूस यूक्रेन को NATO का सदस्य नहीं बनने देना चाहता, आपको अपने इस आर्टिकल मे बतायेंगे की NATO की फुल फॉर्म और ये कब बना और क्यों बना और इसको बनाने की जरुरत क्यो पढ़ी ।
फुल फोरम ऑफ़ NATO?
NATO का फुल फॉर्म है -North Atlantic Treaty Organization.
NATO क्या है?
इस आर्टिकल मे बात कर रहे हम NATO के बारे मे किस तरह NATO का जन्म हुआ और क्यों बना और कैसे बना और कौन-कौन से देश इस NATO का हिस्सा है।
बात है दुसरी विश्व युद्ध की, जब दुसरी विश्व युध्द खत्म हुआ तो पुरा विश्व इस बात को लेकर परेशान था की आगे भविष्य मे दुबारा ऐसी घटना ना हो इसके लिये कई देशो के महान जीवों ने मिलकर UN की स्थापना किया ।
और साथ में इसको एक शक्ति प्रदान करने के लिये सैन्य संगठन भी दिया गया ताकि कोई भी देश नियमों के खिलाफ जाने की कोशिश ना करे।
और जो भी इसके नियमों को तोड़ेगा तो उसके खिलाफ सक्त कारवाई की जाएगी।
इसके लिये कई दशों ने अपनी सेना को एक दुसरे के साथ साझा करने की कोशिश भी किया।
सन 1945 मे जब दुसरा विश्व युध्द खत्म हुआ तो इस विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोविय्ंत संग, दो देश ऐसे थे जो महाशक्ति बनकर सामने आये थे।
यूरोप मे अनुमानित खतरे को देखते हुए ब्रिटेन फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग ने एक सन्धि पर हस्ताक्षर किया जिसका नाम था प्रोफेस की सन्धि ।
उसमें सब लोगों ने मिलकर ये तय किया की हमला होने पर सभी एक साथ मिलकर एक दुसरे को सामुहिक सैनिक की मदद और आर्थिक सहायता देंगे।
दुसरा विश्व युध्द के बाद पुर्व की सोवियत संघ ने पूर्वी युरोप से अपनी सेना को हटाने से इन्कार कर दिया और अन्तर्राष्ट्रीय संधियो के नियमो को नकारते हुए 1948 मे बर्लिन की नकाब्ंदी कर दी।
सोवियत संघ के इस काम से अमेरिका और युरोप के देशों को लगा की सोवियत संघ यहा पर समायवादी शासन की स्थापना करना चाहता है।
इसलिये अमेरिका ने एक ऐसा संगठन बनाने की पहल की जो की सोवियत संघ की अतिक्रमण से पश्चिमी देशो को बचाया जा सके।
अमेरिका, बर्लिन के घेराबंदी मे और सोवियत संघ के प्रभाव को कम करने के लिये सैनिक गुट्ब्ंदी करने के लिये आगे आया ।
उसने UN के चार्टर के अनुच्छेद 15 के अन्तर्गत ऊतर अटलांटिक सन्धि का प्रस्ताव पेश किया ।
जिसमे साल 1949 को फ्रांस, बेल्जियम,लक्जमबर्ग , ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैंड ,इटली, नॉर्वे,पुर्तगाल,अमेरिका सहित 12 देशों ने इस पर साइन किया।
शीत युद्ध से पुर्व यूनान, टर्की, जर्मनी, स्पेन ओर पश्चिम जर्मनी इसकी सरसता ली इसके बाद सीध युद्घ समाप्त होने के बाद पोलैंड ,हंगरी और चेन इसमे शामिल हो गए ।
इसके बाद साल 2004 फिर धीरे-धीरे सारे देश जो है इसमे जुडते गए ।
इस प्रकार कई दशों के सेनाओं ने साथ मिलकर मिलकर इस संगठन का निर्माण किया ।
नाटो एक 30 देशो के सेनाओ का संगठन है जिसमे सैन्य सहायता दी जाती है इसमे एक देश की सेना दुसरे देश की सेंना से भीड जाती है।
और उन्हे अन्तर्राष्ट्रिय ट्रेनिंग दी जाती है।
और हर एक परिस्थिति से निपटने का आदेश होता है।
नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 मे हूई थी।
ये एक अन्तर सरकारी सैन्य गठबंधन है इसे उत्तर अटलांटिक एलायंस के नाम से भी लोग जानते है।
यानी की नाटो।
और फ़्रैंच मे इसे केहते है OTAN ।
मुख्यालय
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसल्स मे है।
नाटो का उदेश्य क्या है?
नाटो का उदेश्य ये है की इसके सद्स्य राष्ट्र की राजनीतिक स्वंतंत्रता सैन्य सूरक्षा को बनाये रखना है।
और सोवियत संघ के पश्चिमी युरोप मे विस्तार को रोकना है।
ये कहा जाए की ये संगठन का उद्देश्य सोवियत संघ के खिलाफ पूरे विश्व के समुदाय मे एकजुट करना और अमेरिका के प्रभाव को बड़ाना है।
अभी वर्तमान मे भारत नाटो का सदस्य नही है लेकिन अमेरिका सेना ने भारत को नाटो सहयोगी का दर्जा देने के लिये विधेय पारित किया है।
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपकों बताया है कि NATO की फूल फॉर्म और ये क्यूँ बनाया गया और क्यूँ जरूरत पड़ी ।
अगले आर्टिकल में हम आपकों बताएंगे की रूस क्यूँ नहीं चाहता की यूक्रेन NATO का सदस्य बने।