देबजानी पाटीकर,गुवाहाटी, 31 मार्च। ब्रह्मपुत्र ने असम को वश्विक पहचान दिया है। ब्रह्मपुत्र नद का सभ्यता, जीवन रेखा व आर्थिक विकास में अहम योगदान है। उपरोक्त बातें असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद
सोनोवाल ने असम के 21 जिलों के 27 स्थानों पर शुक्रवार से आरंभ हुए पांच दिवसीय सबसे बड़े नदी महोत्सव के मुख्य आयोजन स्थल राजधानी गुवाहाटी
के फैंसी बाजार स्थित ब्रह्मपुत्र नद के किनारे कही। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र की विशालता,
सुंदरता व संसाधनों ने राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा
आ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की उपस्थित हमारे लिए गौरव का क्षण है। साथ ही कहा
कि भारत के सबसे पुराने पड़ोसी मित्र भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग
तोबगे की उपस्थिति हमें काफी उत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि सदिया से
धुबड़ी तक 840 किमी क्षेत्र में 27 स्थानों पर आयोजित नमामि ब्रह्मपुत्र महोत्सव को स्थानिय लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इससे यह
साबित हो गया है कि जिस उद्देश्य से इस महोत्सव का आयोजन किया गया है,
हम उसे प्राप्त कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्यवासियों ने यह निर्णय
लिया है कि गंगा की तरह ब्रह्मपुत्र नद का भी उत्सव भी मनाएंगे,
जिससे असम को वैश्विक स्तर पर एक पहचान मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने इस महोत्सव के लिए हमें शुभकामनाएं प्रेषित की है, इसके लिए हम असम की जनता की ओर से प्रधानमंत्री का आभार जताते हैं, जो हमेशा असम के विकास के प्रति तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री
कदम-कदम पर हमें साहस और हौसला देते हैं, इसके लिए हम उनके दिल से आभारी हैं। उन्होंने राष्ट्रपति
प्रणव मुखर्जी का अभिनंदन करते हुए महोत्सव के
शुभारंभ अवसर पर उपस्थित सत्राधिकारों (मठ के महंत), महोत्सव का थीम सांग तैयार करने वाले बालीवुड के पार्श्व गायक अंगराग महंत उर्फ पापोन व अन्य
पार्श्व गायकों के सहयोग के लिए भी उनका आभार जताया।
सोनोवाल ने असम के 21 जिलों के 27 स्थानों पर शुक्रवार से आरंभ हुए पांच दिवसीय सबसे बड़े नदी महोत्सव के मुख्य आयोजन स्थल राजधानी गुवाहाटी
के फैंसी बाजार स्थित ब्रह्मपुत्र नद के किनारे कही। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र की विशालता,
सुंदरता व संसाधनों ने राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा
आ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की उपस्थित हमारे लिए गौरव का क्षण है। साथ ही कहा
कि भारत के सबसे पुराने पड़ोसी मित्र भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग
तोबगे की उपस्थिति हमें काफी उत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि सदिया से
धुबड़ी तक 840 किमी क्षेत्र में 27 स्थानों पर आयोजित नमामि ब्रह्मपुत्र महोत्सव को स्थानिय लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इससे यह
साबित हो गया है कि जिस उद्देश्य से इस महोत्सव का आयोजन किया गया है,
हम उसे प्राप्त कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्यवासियों ने यह निर्णय
लिया है कि गंगा की तरह ब्रह्मपुत्र नद का भी उत्सव भी मनाएंगे,
जिससे असम को वैश्विक स्तर पर एक पहचान मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने इस महोत्सव के लिए हमें शुभकामनाएं प्रेषित की है, इसके लिए हम असम की जनता की ओर से प्रधानमंत्री का आभार जताते हैं, जो हमेशा असम के विकास के प्रति तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री
कदम-कदम पर हमें साहस और हौसला देते हैं, इसके लिए हम उनके दिल से आभारी हैं। उन्होंने राष्ट्रपति
प्रणव मुखर्जी का अभिनंदन करते हुए महोत्सव के
शुभारंभ अवसर पर उपस्थित सत्राधिकारों (मठ के महंत), महोत्सव का थीम सांग तैयार करने वाले बालीवुड के पार्श्व गायक अंगराग महंत उर्फ पापोन व अन्य
पार्श्व गायकों के सहयोग के लिए भी उनका आभार जताया।