इन्टरवियू – साक्षात्कार

 
प्रेम अरोरा  
आजकल देश
में स्किल डेवलेपमेंट की चर्चा चरों तरफ है, क्योंकि इससे देश में रोजगार का सर्जन
होगा,
सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के लिए कई योजनाये आरम्भ की हैं, जिसमे राष्ट्रीय
शहरी आजीविका मिशन कार्यक्रम एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, उतराखंड में भी इस
योजना को चलाया जा रहा है, इस योजना से जुड़े पूर्व छत्रा नेता और पत्रकार प्रेम
अरोरा का इनसाइड कवरेज द्वारा इंटरवियु लिया गया, जिसके मुख्य अंश नीं हैं –
Q. 
अपने आरंभिक जीवन पर प्रकाश डालिए। 

A. मेरा जन्म पंज आब की पवित्र भूमि पंजाब के मोगा जिले के एक छोटे से गाँव
राऊके कला, तहसील-बधनी कला में हुआ था, मैं एक गाँव के स्कूल में पढता था, पहली
कक्षा से १०वीं कक्षा तक मैं अपनी क्लास का मोनिटर रहा, मेरे अध्यापक गण जो मुझे  बोलते थे में उनका हमेशा पालन करता था, मेरे
पापा जी श्री संत लाल जी अपने गाँव में एक जानीमानी हस्ती थे, हमारा थोक का
व्यापार था, मेरे पापा एक हंसमुख इंसान थे, वैसी आदत मेरे अन्दर आ गई,  पापा जी के सुरजीत सिंह बरनाला से बहुत नजदीकी
रिश्ते थे,(सुरजीत सिंह बरनाला जो उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल थे) वो मुझे हमेशा
उत्साहित करते थे , मेरे पापा संत भी थे, इस नजरिये से कि वो सबका हित चाहते थे,
मेरे पापा जी चाहते थे ………… अगले अंक में  
Q. 
अपने जीवन का उद्देश्य बताइए ?
A. 
मेरे जीवन का उद्देश्य दूसरों का भला करते जाइए आपका भला स्वयं हो जायगा,
उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कार्यक्रम के बारे बताइए ?
आपकी वेबसाइट पर पहले ही प्रकाशित है . अगर फिर भी कोई भी प्रश्न बचता हो तो
कृपया मुझे एस एम् एस करें
– 9999102912 

Q. आप राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कार्यक्रम से कैसे जुड़े ?

A. 
मेरे मित्र श्री आशीष सक्सेना ने बताया कि आप समाज सेवा से जुड़े हुए हो आपका
नेटवर्क भी अच्छा है आपके दोस्त भी अच्छे हैं, आप इस कार्यक्रम से जुड़िये, श्री
आशीष जी मेरे विश्वसनीय मित्र है इसीलिए में उनकी बात मानकर इस कार्यक्रम में हूँ
.

Q. 
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कार्यक्रम में आपका क्या कार्य है ?
A. 
इस कार्यक्रम में मैं ग्रास अकेडमी की ओर से एक ट्रेनर के रूप में हूँ ,
परन्तु मेरा लक्ष्य है की जो भी लाभार्थी इस कार्यक्रम के माध्यम से मेरे साथ जुड़े
वो कभी भी अपने जीवन में निराश ना हो और हमेशा मुस्कुराता रहे, और उसको इस योजना
के माध्यम से मिलने वाले सभी लाभों का फायदा मिले, जो भी लोग इस कार्यक्रम में
आयंगे उन के लिए में हर पल तैयार हूँ. मुझे लगता है की इससे बढ़कर कोई भी सरकारी
योजना उनके जीवन में आने वाली नहीं है . इसलिए कृपया अपने अमूल्य जीवन ओर इस
अमूल्य योजना का लाभ लेकर अपने व अपने अभिभावकों के जीवन को ख़ुशी से भरा एक पथ
पर्दार्शिक करे,
Q. 
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कार्यक्रम से युवाओं को क्या लाभ होगा। 
A. 
जितने भी युवा इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं अथवा जुड़ेंगे उन सभी को रोज़गार
मिलेगा , अगर फिर भी किसी को रोजगार नहीं मिल पाया तो वो मुझसे व्यक्तिगत रूप से
insidecoverage.in के माध्यम से मुझे सन्देश पहुंचायगा में उसकी हर प्रकार से
सहायता करूँगा . 
Q. 
युवाओं के लिए कोई सन्देश जिससे उन्हें भविष्य में लाभ हो ?
A. 
मेरे युवा साथी अपने जीवन में कभी निराश ना हों, ऊपर वाला हमारे लिए जो भी
करता है अच्छा ही करता हैं,  आप हमेशा
हस्ते रहें और मुकुराते रहे, हमारी राह में लाखों कांटे भी आये तो उनको फूल समझकर
स्वीकार करें, जीवन में कभी भी कोई परेशानी आये 
तो उसको हंसकर टाल दें, सफलता आपको अपनी किस्मत से नहीं  बल्कि मेहनत से ही मिलती है, ना ही अपने जीवन
में तेज दौड़े, ना ही रुकें, आपके जीवन का लक्ष्य यह होना चाहिए कि आप लगातार चलते
रहो, सफलता आपके कदमो में होगी.

Q. 
अपके भविष्य की क्या योजनाये हैं ?
A. 
उत्तराखंड में दो मंडलों गढ़वाल एवं कुमाऊं में 13 जिले हैं, और उत्तराखंड में
16 स्थानों पर पहली बार काम करने का अवसर मिला हैं, उत्तराखंड देवभूमी धरती है
जिसमे महाभारत की रचना हुई है अनेक ऋषि मुनियों ने यहाँ पर तप किया है सम्पूर्ण
उत्तराखंड में पलायन अपने आप में एक भयंकर समस्या है इसको दूर करने के लिए तरह तरह
की बातें की जाती हैं, परन्तु अपने उत्तराखंड के प्रति मेरी योजना यह है कि कोई भी
नौजवान यहाँ की पावन धरती से पलायन ना करे, बेटी पढाओ बेटी बचाओ में उत्तराखंड
नंबर एक पर आये, हर उत्तराखंडी प्रसन्नचित्त रहे मेरा उत्तराखंड खुशाल रहे, ताकि
मेरा भारत भी खुशहाल हो सके ये मेरी कामना है,
Q. 
इनसाइड कवरेज के लिए अपनी कोई राय दीजिये ?
A. 
इनसाइड कवरेज का एक विजिटिंग कार्ड मुझे मिला जिसको मेने पहली बार पढ़ा और रखकर
भूल गया, दूसरा विजिटिंग कार्ड मुझे एक कार्यक्रम के दौरान मिला परन्तु उस
विजिटिंग कार्ड को में महत्व नहीं दे पाया, तीसरी बार भी कार्ड मुझे मिला कार्ड
देखा देखा सा लगा परन्तु कोई बात नहीं कर पाया, लगभग 10 -12 बार यह कार्ड मेरे
सामने आया और ऐसे ही होता रहा, एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान एक बहुत ही अच्छे और
इमानदार अधिकारी ने इनसाइड कवरेज का कार्ड मुझे दिया तो मेने उसको संभाल कर रख
लिया, रात को लगभग 11 बजे के बाद में अपने घर पर पहुंचा तो मैंने उस कार्ड पर दिए
हुए नम्बरों को डायल किया तो मुझे महसूस हुआ कि इनसाइड कवरेज मुझसे भी ज्यादा आप
लोगों की फिकर करता हैं और इसी का परिणाम है की मेरा प्रथम साक्षात्कार इनसाइड
कवरेज पर प्रकाशित हो रहा है, इनसाइड कवरेज से भी पहले में धन्यवाद करना चाहूँगा
उस उच्च अधिकारी का जिन्होंने मेरी मुलाकात इनसाइड कवरेज की टीम से करवाई, 

इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण लेने वाले मेरे प्यारे विद्यार्थीयो आप अपनी मेहनत
करते रहे आपको बहुत जल्दी आपके मनचाही मंजिल मिल जायगी , 

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साक्षात्कार- शैलेन्द्र मिश्रा एडवोकेट
– 

काशीपुर, उत्तराखंड के रहने  वाले वरिष्ठ अधिवक्ता और धर्म निरपेक्ष
सामाजिक कार्यकर्ता श्री  शैलेन्द्र मिश्रा ने काशीपुर क्षेत्र के विकास और
समस्याओं में हमेशा ही बढ़ चढ़कर हिस्सा  लिया है। उनका योगदान बहुत ही
सरहानीय रहा है। जिला बनाने की मांग हो या सामाजिक कार्य या खेलों के 
प्रोत्साहन  – उन्होंने सभी समुदायों के लोगों का भरपूर समर्थन किया है। 
इनसाइड कवरेज न्यूज़ द्वारा श्री शैलेन्द्र मिश्रा का साक्षात्कार लिया गया जिसके  मुख्य अंश:
प्र० – 1 – आपके जीवन का उद्देश्य क्या है ?
ऊ० –     समाज से जुडी समस्याओं के प्रति मेरा हमेशा झुकाव रहा हैं।
मैंने  हमेशा समाज के हितों के लिए कार्य किये और आगे भी करता रहूँगा।
अपनी कमाई का 20% समाजिक कार्यों के लिए  रखता हूँ।

प्र० – 2  -आप समाज और देश के हित के लिए क्या बदलाव चाहते हैं ?
ऊ० – समाज में समानता का अधिकार मिलना चाहिए, सभी को सामान शिक्षा,
सामान स्वास्थ्य सेवाएँ, सामान अवसर मिलने चाहिए। आरक्षण को भी वहां समाप्त
कर देना चाहिए, जहाँ आरक्षण पाने वाले लोग सक्षम हो चुकें हैं।

प्र० – 3- समानता के अधिकार ना मिलने का मुख्य कारण क्या है ?
ऊ० –समानता का अधिकार राजनीति की वजह से नहीं मिल पा रहा है, वोटों की वजह से सामान व्यवस्था पटरी पर नहीं उतर पा रही है।

प्र० – 4  – काशीपुर शहर की सबसे बड़ी समस्या या मांग क्या है ?
ऊ० – हामारे शहर की सबसे बड़ी समस्या जिले का ना बनना है, जिले की मांग हिन्दुस्तान की सबसे पुरानी मांग है,

प्र० – 5- जिला
बनने से क्या फायदे होंगे?

उ० – जिले बनने से सुलभ न्याय मिल सकेगा , रोज़गार का
सर्जन होगा, शिक्षा में विकास होगा,बड़ी योजनाये आयंगी।

प्र० – 6 – जिला ना बनने का सबसे बड़ा कारण क्या है ?
उ० – जनता को अभी तक कोई दमदार सांसद या विधायक नहीं मिला जो जिले
की मांग को ज़ोरदार तरीके से रख सके। अभी तक सभी नेताओं और पार्टियों ने
जनता को छला है।
प्र० – 7 – उधम सिंह नगर जिले की बड़ी समस्या क्या है ?
उ० – जिले की सबसे बड़ी समस्या अवैध खनन है। करोड़ों -अरबों रुपये का अवैध खनन का कारोबार चल रहा है।

प्र० – 8  – इसकी वजह क्या है ?
उ० – कानून में देरी की वजह से अपराधी नहीं डरते और न्याय व्यवस्था
में जजों की कमी भी एक कारण है। इसके अलावा  फास्ट ट्रेक कोर्ट हर शहर में
होनी  चाहिए।

प्र० – 9  – आपकी कोई राजनैतिक महत्वकांक्षा ?
उ० – जहाँ पर करोड़ों – अरबों की टिकटों की खरीद -फरोख्त हो वहां ऐसे
सपने पालने मुमकिन नहीं लेकिन अगर कोई बिना पैसो के कोई पार्टी टिकट देगी
तो मैं लड़ने की सोचूंगा।