Rights of Arrested Person Under CRPC : गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकार और कर्तव्य

भारत के संविधान के अनुच्छेद 22 मे यह व्यवस्था है कि प्रत्येक व्यक्ति को जो गिरफ्तार किया गया है, गिरफ्तारी के चौबिस घण्टे के भीतर ( गिरफ्तारी के स्थान से मजिस्ट्रेट के स्थान से मजिस्ट्रेट के न्यायालय तक यात्रा मे व्यतीत हुए समय को छोडकर ) निकटतम मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाये । दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 57 व 167 मे इसी प्रकार के प्रावधान किये गये है । ऐसे व्यक्ति को यह अधिकार प्राप्त है कि वह निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए मजिस्ट्रेट से अनुरोध कर सके और यह मजिस्ट्रेट का दायित्व है कि विधिक सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से या अन्य माध्यम से उसे उपलब्ध कराए ।

Rights of Arrested Person in Hindi | Arrested Person Rights

ऐसा व्यक्ति यदि जमानतीय अपराध मे गिरफ्तार किया गया है तो वह अधिकारित स्प से जमानत पाने का अधिकारी है । यदि वह पुलिस या मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुरूप जमानतनामा दाखिल करता है तो उसे अभिरक्षा मे नही रखा जा सकता है । गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी का यह कर्तव्य है कि वह गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को वह कारण व आधार बताये कि उसको क्यो गिरफ्तार किया जा रहा है और उस व्यक्ति को यह भी अधिकार है कि पुलिस अधिकारी से कहे कि उसकी गिरफ्तारी का वारंट उसे दिखाया जाये (दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 50, 57, तथा 75) ।
गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को यह अधिकार प्राप्त है कि गिरफ्तारी की दशा में वह अपने मित्र, रिश्तेदार, अथवा किसी व्यक्ति के माध्यम से अपने वकील से संपर्क कर सके और विधिक राय प्राप्त कर सके । अगर पुलिस ऑफिसर जमानत नहीं लेता है तो वह मजिस्ट्रेट से जमानत की प्रार्थना कर सकता है की उसे जमानत पर छोड़ दिया जाये ।
संजय रूहेला (एडवोकेट)
LL.M
मोo नo-9927136750
कोर्ट कम्पाउण्ड, काशीपुर

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